नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)-| राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिवंगत नेता राम विलास पासवान के आवास पर पहुंच कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। राम विलास पासवान का गुरुवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 74 साल के थे और केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री थे। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के संस्थापक रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को सुबह अस्पताल से यहां 12 जनपथ स्थित उनके आवास लाया गया, जहां पहुंचकर प्रधानमंत्री ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने दिवंगत नेता के पुत्र और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और उनके शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।
राष्ट्रपति रामनाथ काविंद ने भी राम विलास पासवान के आवास पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
बिहार के खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव में पैदा हुए राम विलास पासवान पांच दशक से ज्यादा समय तक राजनीति में सक्रिय रहे। उनका पार्थिव शरीर यहां से पटना ले जाया जाएगा जहां शनिवार को उनका अंतिम संस्कार होगा।
पटना में, उनके पार्थिव शरीर को लोजपा कार्यालय में रखा जाएगा, जहां लोग अपने नेता के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।
प्रधानमंत्री के अलावा, कई अन्य नेताओं जैसे रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह ने भी लोजपा नेता को पुष्पांजलि अर्पित की।
74 साल के रामविलास, जिन्होंने पिछले साल सक्रिय राजनीति में 50 साल पूरे किए थे, पहली बार 1969 में विधायक चुने गए थे।
पासवान के निधन के कुछ ही दिनों पहले चिराग पासवान ने बिहार में राजग छोड़ने और अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था।
देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक, रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रहे, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 सरकार के साथ-साथ केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
5 जुलाई, 1946 को बिहार के खगड़िया जिले में जन्मे पासवान पुलिस सेवा के लिए चुने गए थे, लेकिन उन्होंने राजनीति में शामिल होने का फैसला किया।