प्रयागराज,14 दिसंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार्मिक समारोहों में भाग लेने और क्षेत्र के श्रद्धेय संतों के साथ जुड़ने के लिए पवित्र शहर प्रयागराज का दौरा किया,जो भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत में गहराई से निहित है। उनकी यात्रा प्रार्थनाओं,अनुष्ठानों और बातचीत से चिह्नित थी,जिसमें भारत की प्राचीन परंपराओं को संरक्षित करने और मनाने की उनकी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया था।
प्रयागराज पहुँचने पर पीएम मोदी ने गंगा,यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के पवित्र संगम का दौरा किया,जिसे संगम के नाम से जाना जाता है। यह स्थल हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है,जो पवित्रता और आध्यात्मिक नवीनीकरण का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने संगम पर विशेष पूजा की,राष्ट्र के लिए आशीर्वाद माँगा और इसकी समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को श्रद्धांजलि दी।
अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने विभिन्न संप्रदायों के प्रमुख साधु-संतों से भी बातचीत की। इन बातचीतों ने समाज में धर्म और एकता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए सरकार और आध्यात्मिक नेताओं के बीच बातचीत के महत्व को रेखांकित किया। संतों ने वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए पीएम मोदी की सराहना की।
प्रयागराज की यात्रा ऐसे समय में हो रही है,जब यह शहर भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पीएम मोदी की उपस्थिति न केवल आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रयागराज के महत्व को उजागर करती है,बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को संरक्षित करने के लिए सरकार के समर्पण की भी पुष्टि करती है।
जैसे ही पीएम मोदी ने अपनी यात्रा समाप्त की,संगम पर अनुष्ठान और संतों के साथ उनकी चर्चाएँ भारत में शासन और आध्यात्मिकता के बीच गहरे संबंध की एक शक्तिशाली याद दिलाती हैं,जो परंपरा और प्रगति के बीच सामंजस्य को दर्शाती है।