नई दिल्ली,23 अक्टूबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 2020 में गलवान संघर्ष के बाद पहली द्विपक्षीय बैठक बुधवार को रूस के कजान में आयोजित 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान होगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है,जब दोनों देशों ने बीते चार सालों से चल रहे सीमा विवाद को समाप्त करने के प्रयास के मकसद से लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर एक समझौता किया है। गलवान घाटी में इसी विवाद के कारण हिंसक झड़प हुई थी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच के बैठक की पुष्टि की और कहा कि,कल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के नेताओं के मध्य द्विपक्षीय बैठक होने की मैं पुष्टि कर सकता हूँ।
इससे पहले चीन ने जानकारी दी थी कि भारत और चीन के बीच सीमा पर गश्त के संबंध में एक समझौता हो चुका है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया, “पिछले कुछ हफ्तों से भारत और चीन कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से लगातार संपर्क में थे।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि भारत और चीन पिछले कुछ हफ्तों से कूटनीतिक एवं सैन्य चैनलों के माध्यम से लगातार संपर्क में थे। अब दोनों पक्षों ने एक समाधान पर सहमति बनाई है,जिसकी चीन ने सराहना की है। आगे चलकर इन समझौतों को चीन तथा भारत दोनों मिलकर लागू करेंगे।
सोमवार को विदेश सचिव ने इस पर कहा, “पिछले कुछ हफ्तों में भारतीय और चीनी कूटनीतिक और सैन्य वार्ताकार लगातार विभिन्न मंचों पर संपर्क में थे। इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त के लिए एक समझौता हुआ है, जिससे 2020 में उत्पन्न समस्याओं का समाधान हो सकेगा।”
गलवान संघर्ष के बाद दोनों नेताओं के बीच केवल एक औपचारिक बैठक अगस्त 2023 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। इसके अलावा, इंडोनेशिया के बाली में नवंबर 2022 में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक अनौपचारिक बातचीत भी हुई थी।