रतन टाटा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को याद करते हुए कहा- नेशन फर्स्ट भावना को उन्होंने सर्वोपरि रखा

नई दिल्ली,9 नवंबर (युआईटीवी)- भारत के प्रख्यात व दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन को एक महीना पूरा हो गया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया और उनके लिए एक भावपूर्ण लेख लिखा। प्रधानमंत्री ने रतन टाटा के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को साझा करते हुए उनकी “नेशन फर्स्ट” भावना और उनके द्वारा समाज के लिए किए गए योगदान की सराहना की।

उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “रतन टाटा को अंतिम विदाई दिए हुए करीब एक महीना बीत चुका है। भारतीय उद्योग जगत में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और यह सभी देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा। मेरा यह आलेख उनके असाधारण जीवन और अतुलनीय योगदान को समर्पित। ”

पीएम मोदी ने अपने लेख में रतन टाटा के साथ अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हुए लिखा कि,”व्यक्तिगत तौर पर, मुझे पिछले कुछ दशकों में उन्हें बेहद करीब से जानने का सौभाग्य मिला। गुजरात में हमने साथ मिलकर काम किया। उनकी कंपनियों ने वहाँ बड़े पैमाने पर निवेश किया और ऐसी कई परियोजनाएँ थीं, जिनके प्रति वे अत्यधिक भावुक थे। मैं जब केंद्र सरकार में आया,तब हमारी घनिष्ठ बातचीत जारी रही और वे राष्ट्र के निर्माण के प्रयासों में एक प्रतिबद्ध भागीदार बने रहे।”

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से रतन टाटा के स्वच्छ भारत मिशन के प्रति उत्साह की सराहना की। उन्होंने लिखा कि, “श्री रतन टाटा का स्वच्छ भारत मिशन के प्रति जो उत्साह था,वह मेरे दिल को छू गया था। इस जन आंदोलन के वह मुखर समर्थक थे। वह भारत की प्रगति के लिए स्वच्छता और स्वस्थ आदतों की महता को समझते थे। अक्टूबर की शुरुआत में स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगांठ के लिए उनका वीडियो संदेश मुझे आज भी याद है। यह उनके द्वारा दी गई अंतिम सार्वजनिक उपस्थितियों में से एक था।”

पीएम मोदी ने रतन टाटा को युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बताया। उन्होंने लिखा, रतन टाटा युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत थे। उनका जीवन,उनका व्यक्तित्व हमें यह याद दिलाता है कि कोई सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा नहीं किया जा सकता, कोई ऐसा लक्ष्य नहीं जिसे प्राप्त नहीं किया जा सकता। रतन टाटा जी ने हमें विनम्रता और दूसरों की मदद करते हुए सफलता प्राप्त करना सिखाया है।

प्रधानमंत्री ने रतन टाटा को भारतीय उद्यमिता की बेहतरीन परंपराओं का प्रतीक बताते हुए कहा कि, “रतन टाटा भारतीय उद्यमिता की सर्वोत्तम परंपराओं के प्रतीक थे। वह विश्वसनीयता,उत्कृष्टता तथा सेवा के बेहतरीन मूल्यों के अडिग प्रतिनिधि थे। टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में दुनिया भर में सम्मान,ईमानदारी और विश्वसनीयता का प्रतीक बनकर नई ऊँचाइयों को छुआ। इसके बावजूद,रतन टाटा जी ने पूरी विनम्रता और सहजता के साथ अपनी उपलब्धियों को स्वीकार किया।”

रतन टाटा के “नेशन फर्स्ट” के सिद्धांत को भी प्रधानमंत्री मोदी ने याद किया और लिखा कि, “रतन टाटा जी ने हमेशा ‘नेशन फर्स्ट’ की भावना को सर्वोपरि रखा। 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद,मुंबई के प्रतिष्ठित ताज होटल को पूरी तत्परता के साथ फिर से खोलना,राष्ट्र की एकजुटता और उसकी दृढ़ता का प्रतीक था। उनके इस कदम ने यह संदेश दिया कि भारत रुकेगा नहीं,भारत निडर है और आतंकवाद के सामने झुकने से इनकार करता है।”

प्रधानमंत्री मोदी का यह लेख रतन टाटा की विरासत और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। रतन टाटा की व्यक्तिगत ईमानदारी, राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और समाज के प्रति उनकी सेवा भावना ने उन्हें न केवल उद्योग जगत में, बल्कि भारतीय समाज में भी एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया।