प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू ऑरलियन्स में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की

नई दिल्ली,3 जनवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स में नए साल के दिन हुए ट्रक अटैक की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। पीएम मोदी ने इस आतंकवादी हमले को ‘कायरतापूर्ण’ बताते हुए कहा कि, “हम न्यू ऑरलियन्स में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें इस त्रासदी से उबरने की शक्ति और सांत्वना मिले।”

न्यू ऑरलियन्स में यह हमला नए साल के दिन,यानी 1 जनवरी 2025 को सुबह-सुबह हुआ। हमलावर ने बोरबन स्ट्रीट पर ट्रक को तेज रफ्तार से भीड़ में घुसा दिया, जिससे कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,इस हमले में 15 लोग मारे गए और दर्जनों लोग घायल हो गए। यह घटना एक बार फिर अमेरिका में आतंकवादी हमलों के खतरे को उजागर किया है।

हमलावर की पहचान टेक्सास के 42 वर्षीय नागरिक शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में हुई है। एफबीआई के अनुसार, हमलावर के ट्रक में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) का झंडा पाया गया और वे इसे आतंकवादी कृत्य के रूप में जाँच रहे हैं। जब्बार को पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में मार गिराया गया। जाँचकर्ताओं के अनुसार,संदिग्ध ने हमले से कुछ घंटे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उसने अपनी आतंकवादी प्रेरणा और हत्या करने के इरादे का खुलासा किया था।

इस वीडियो में शम्सुद्दीन ने यह भी बताया था कि उसे आईएसआईएस से जुड़ने के सपने आते थे और यही उसे इस कृत्य के लिए प्रेरित कर रहा था। यह वीडियो उसकी आतंकवादी मानसिकता को स्पष्ट करता है और उसकी योजनाओं की ओर इशारा करता है। पुलिस और एफबीआई ने इस वीडियो की जाँच की है,जिससे यह संकेत मिलता है कि शम्सुद्दीन ने इस्लामिक स्टेट से प्रेरित होकर ही इस अपराध को अंजाम दिया।

शम्सुद्दीन के बारे में और अधिक जानकारी से यह भी सामने आया कि वह अमेरिकी सेना में लंबे समय तक सेवा दे चुका था और उसकी तैनाती अफगानिस्तान में भी हुई थी। इससे यह सवाल उठता है कि एक व्यक्ति जो पहले देश की सेवा कर चुका था, वह कैसे इतनी घिनौनी और आतंकवादी मानसिकता में डूब सकता है।

अधिकारियों के मुताबिक,जब्बार का निजी जीवन भी विवादास्पद था। उसने अपनी दो पूर्व पत्नियों से तलाक लिया था,जो उसके व्यक्तिगत जीवन में असंतोष और तनाव को दर्शाता है। इसके अलावा,ऑनलाइन रिज़्यूमे में यह जानकारी मिली कि शम्सुद्दीन ने साल 2010 में सेंट्रल टेक्सास कॉलेज से एसोसिएट डिग्री प्राप्त की और साल 2017 में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी में ग्रेजुऐशन की डिग्री प्राप्त की थी। ये जानकारी इस तथ्य को स्पष्ट करती है कि शम्सुद्दीन का शैक्षिक और पेशेवर जीवन तकनीकी था,लेकिन इसके बावजूद उसकी मानसिकता और विचारधारा पूरी तरह से आतंकवादी हो गई।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स शम्सुद्दीन के आपराधिक रिकॉर्ड की भी जानकारी देती है,जो मुख्य रूप से यातायात अपराध और चोरी से संबंधित था। यह और भी चौंकाने वाली जानकारी है,क्योंकि यह संकेत देता है कि शम्सुद्दीन का जीवन पहले ही अपराध और विवादों से घिरा हुआ था,लेकिन आतंकवादी मानसिकता तक पहुँचने का कारण कुछ और गहरे मानसिक और भावनात्मक कारण हो सकते हैं।

अमेरिकी अधिकारियों ने इस घटना के बाद सुरक्षा बढ़ा दी है और एफबीआई ने पूरे मामले की जाँच शुरू कर दी है। यह हमला अमेरिका में आतंकवाद के बढ़ते खतरे को उजागर करता है और यह सवाल खड़ा करता है कि आतंकवादी कैसे समाज के सामान्य नागरिकों के बीच घुसकर इस तरह के नृशंस कृत्यों को अंजाम दे सकते हैं। इस हमले ने दुनिया भर में आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को एक बार फिर से रेखांकित किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएँ दुनिया के लिए खतरे की घंटी हैं और इस समस्या से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग जरूरी है।

इस हमले ने न केवल अमेरिका को,बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के खतरे के प्रति सतर्क किया है। यह जरूरी है कि सभी देश एकजुट होकर इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएँ और आतंकवाद को समाप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास करें।