प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुलसी गबार्ड (तस्वीर क्रेडिट@amitmishrasw2)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस दौरे के बाद अमेरिका पहुँचे,ट्रंप से पहले अमेरिकी खुफिया विभाग प्रमुख तुलसी गबार्ड से मुलाकात की

वाशिंगटन डीसी,13 फरवरी (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम (भारतीय समयानुसार गुरुवार तड़के) अपनी फ्रांस यात्रा के बाद अमेरिका पहुँच चुके हैं। प्रधानमंत्री का यह दो दिवसीय दौरा भारतीय-अमेरिकी संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अमेरिकी दौरे पर पहुँचने के बाद, वाशिंगटन डीसी के एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद,प्रधानमंत्री मोदी ब्लेयर हाउस में ठहरे, जहाँ प्रवासी भारतीयों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे की एक खास बात यह थी कि उन्होंने अपने अमेरिका दौरे की शुरुआत अमेरिकी इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से मुलाकात करके की। तुलसी गबार्ड को बुधवार को ही नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया गया था और इस नियुक्ति के बाद यह माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलने के लिए जरूर जाएँगे। तुलसी गबार्ड के पक्ष में सीनेट ने मतदान किया था,जिसके बाद वह अमेरिका की 18 इंटेलिजेंस एजेंसियों की प्रमुख बन गईं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस नियुक्ति पर उन्हें बधाई दी और दोनों देशों के बीच इंटेलिजेंस सहयोग को बढ़ाने के बारे में बातचीत की।

प्रधानमंत्री मोदी ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा, अमेरिका की इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात किया। उन्हें नियुक्ति की बधाई दी। भारत और अमेरिका के मध्य के मित्रता के अलग-अलग पहलुओं पर हमने चर्चा की,जिसकी वह सदैव प्रबल समर्थक रही हैं। इस मुलाकात का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है,क्योंकि यह भारत और अमेरिका के बीच खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुलसी गबार्ड से एक सार्थक बैठक की,जिसमें साइबर सुरक्षा, आतंकवाद और उभरते खतरों में खुफिया सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। यह बैठक दोनों देशों के बीच बढ़ते खुफिया सहयोग के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है।

तुलसी गबार्ड का नाम भारतीय नामों से मिलता-जुलता है,लेकिन वह भारतीय मूल की नहीं हैं। उनके माता-पिता का हिंदू धर्म से गहरा संबंध था और इसी कारण से उनकी माँ ने बेटी का नाम तुलसी रखा था। तुलसी गबार्ड एक पूर्व सैन्य कर्मी हैं और डेमोक्रेटिक पार्टी से अमेरिकी संसद की सदस्य भी रह चुकी हैं। हालाँकि,वर्तमान में वह रिपब्लिकन पार्टी से जुड़ी हुई हैं। यह दिलचस्प है कि तुलसी गबार्ड का राजनीतिक करियर बहुत ही खास रहा है और उन्होंने दोनों प्रमुख अमेरिकी पार्टियों से जुड़कर अपनी भूमिका निभाई है।

तुलसी गबार्ड की व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो वह शादीशुदा हैं। उनकी पहली शादी एडर्डो टमायो से हुई थी,जो केवल चार साल चली। इसके बाद उन्होंने सिनेमैटोग्राफर अब्राहम विलियम्स से शादी की।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अमेरिका में इंटेलिजेंस डायरेक्टर के साथ उनकी मुलाकात दोनों देशों के बीच सुरक्षा और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा अमेरिका और भारत के बीच सामरिक संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिए एक अवसर प्रदान करता है। यह यात्रा भारत-अमेरिका मित्रता को और गहरा करने का एक महत्वपूर्ण मौका है।

इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय चर्चा होने वाली है। इस चर्चा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार,सुरक्षा और अन्य रणनीतिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा अमेरिकी प्रशासन के साथ भारत के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारतीय विदेश नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है,जहाँ दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों का फायदा न केवल भारत और अमेरिका को मिलेगा,बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। यह यात्रा भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है,जो भविष्य में दोनों देशों के बीच समग्र सहयोग को बढ़ावा देने में सहायक होगी।

प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे की सफलताएँ इस बात का संकेत हैं कि भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती और साझेदारी का यह दौर आगे बढ़ने वाला है और यह दोनों देशों के लिए सामरिक,व्यापारिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत लाभकारी साबित होगा।