प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@TumpaDe43439463)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिवसीय मॉरीशस यात्रा समाप्त कर दिल्ली लौटे,मॉरीशस सरकार और लोगों का जताया आभार,मॉरीशस यात्रा को यादगार बताया

नई दिल्ली,13 मार्च (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस की अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा समाप्त कर गुरुवार को दिल्ली लौटे। यात्रा के दौरान उन्हें वहाँ के लोगों और सरकार से मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा आभार विकट करते हुए लिखा, “मैं प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम,मॉरीशस के लोगों और सरकार का गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आभार व्यक्त करता हूँ।”

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा खास रही क्योंकि वह दूसरी बार मॉरीशस के नेशनल डे पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। इससे पहले 2015 में भी वह मॉरीशस के नेशनल डे के मुख्य अतिथि बने थे। इस दौरान,मॉरीशस के राष्ट्रपति धर्मबीर गोखूल ने प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ (जी.सी.एस.के) से सम्मानित किया था। यह सम्मान किसी भारतीय नेता को पहली बार प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री मोदी ने इस पुरस्कार को भारत और मॉरीशस के बीच विशेष मित्रता का प्रतीक और भारत के 1.4 अरब लोगों और मॉरीशस के लोगों को समर्पित किया।

भारतीय नौसेना की एक मार्चिंग टुकड़ी ने नेशनल डे समारोह के दौरान परेड में भाग लिया,जो दोनों देशों के बीच मजबूत सैन्य संबंधों को दर्शाता है। भारत और मॉरीशस के द्विपक्षीय संबंधों में यह यात्रा एक मील का पत्थर साबित हुई है। विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा,”हमारी बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी से इस क्षेत्र की ताकत और बढ़ेगी।” प्रधानमंत्री मोदी इस यादगार यात्रा के बाद मॉरीशस से रवाना हुए, जहाँ उन्हें प्रधानमंत्री रामगुलाम ने हवाई अड्डे पर विदा किया।

इससे पहले, सोमवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री रामगुलाम ने प्रधानमंत्री मोदी का हवाई अड्डे पर गर्मजोशी से स्वागत किया था। यह स्वागत दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती और सामरिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस छोड़ने से पहले गंगा तालाब का दौरा किया और वहाँ प्रार्थना की। इस अवसर पर,प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ से लाए गए पवित्र जल को गंगा तालाब में अर्पित किया। यह एक गहरे आध्यात्मिक जुड़ाव का प्रतीक था,जो केवल दोनों देशों के बीच आध्यात्मिक एकता को ही नहीं बल्कि उनके समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को भी प्रदर्शित करता है। पीएम मोदी ने कहा कि गंगा तालाब पर आना उनके लिए एक भावनात्मक अनुभव था और यहाँ खड़े होकर उन्हें ऐसा लगा जैसे वे अपने जीवन के सबसे गहरे आध्यात्मिक जुड़ाव को महसूस कर रहे हों,जो न केवल देशों के बीच बल्कि पीढ़ियों को भी अपनी जड़ों से जोड़ता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान यह भी कहा कि भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्ते बहुत मजबूत हैं और समय के साथ इन रिश्तों में और अधिक मजबूती आएगी। उनका कहना था कि इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना नहीं,बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच एक गहरे, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को मजबूत करना था।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और मॉरीशस के रिश्तों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ। दोनों देशों के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी और सांस्कृतिक रिश्ते,आने वाले समय में और भी प्रगाढ़ होंगे,जिससे ना केवल दोनों देशों को बल्कि पूरी भारतीय उपमहाद्वीप को फायदा होगा।