प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के संस्थापकों को दी श्रद्धांजलि(तस्वीर क्रेडिट@KraantiKumar)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस के संस्थापकों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि,कहा,’हमें राष्ट्र सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है’

नई दिल्ली,30 मार्च (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित स्मृति मंदिर का दौरा किया,जो भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के मूल्यों को समर्पित है। इस मंदिर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है,क्योंकि यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक डॉ. हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक (प्रमुख) एमएस गोलवलकर को समर्पित है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में जाकर उनके और गोलवलकर जी के समर्पित स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थान लोगों को राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है और यह भारतीय संस्कृति,राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्यों को समर्पित है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस रिकॉर्ड बुक में अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए लिखा, “परम पूजनीय डॉ. हेडगेवार और पूज्य गुरुजी को शत-शत नमन। उनकी स्मृतियों को संजोते हुए,इस स्मृति मंदिर में आकर अभिभूत हूँ। यह स्थल भारतीय संस्कृति,राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्यों को समर्पित है,जो हमें राष्ट्र की सेवा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। संघ के इन दो मजबूत स्तंभों की यह स्थली देश की सेवा में समर्पित लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। हमारे प्रयासों से माँ भारती का गौरव सदा बढ़ता रहे!” प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि यह स्मृति मंदिर संघ के समर्पित कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणा स्थल है, जहाँ से उन्हें अपने देश की सेवा करने की ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ऐतिहासिक यात्रा मानी जा रही है,क्योंकि यह पहला मौका है,जब किसी मौजूदा प्रधानमंत्री ने नागपुर में स्थित आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया है। पीएम मोदी का यह दौरा आरएसएस के इतिहास में महत्वपूर्ण है और इसे देश के एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक संदर्भ में देखा जा रहा है। नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय को संघ का केंद्र माना जाता है और यह हमेशा से संघ के कार्यों का मुख्य गढ़ रहा है। यह स्थल आरएसएस के विचारधारा और कार्यकर्मों का प्रतीक है तथा इसे भारत की संस्कृति और राष्ट्रवाद के प्रोत्साहन के रूप में देखा जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस यात्रा के दौरान आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत,वरिष्ठ आरएसएस नेता भैयाजी जोशी,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और स्थानीय आरएसएस नेता भी मौजूद थे। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और मोहन भागवत के बीच निजी बातचीत भी हुई। यह भी महत्वपूर्ण है कि आरएसएस की परंपरा के अनुसार,जब भी कोई वीआईपी या गणमान्य अतिथि उनके मुख्यालय का दौरा करता है,तो स्थानीय नेता उनका स्वागत करते हैं। इस बार मोहन भागवत ने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री का स्वागत किया और उनके साथ समय बिताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान संघ के साथ अपने जुड़ाव को भी बताया। उन्होंने कहा कि वे पहले भी 16 सितंबर 2012 को रेशिमबाग मुख्यालय का दौरा कर चुके हैं,जब वे पूर्व आरएसएस प्रमुख के. सुदर्शन को श्रद्धांजलि अर्पित करने आए थे। इसके बाद, जुलाई 2013 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे,तब उन्होंने आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया और एक बैठक में हिस्सा लिया था।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है,क्योंकि यह एक ऐसे समय में हो रही है,जब भारतीय राजनीति में संघ और मोदी सरकार के बीच नजदीकी संबंधों पर चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के माध्यम से संघ के साथ अपने संबंधों को और प्रगाढ़ किया है और इसे एक मजबूत संदेश के रूप में प्रस्तुत किया है कि भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद के लिए संघ के योगदान को प्रधानमंत्री मोदी मान्यता दे रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के दौरान आरएसएस के कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि संघ ने देश की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी मेहनत,समर्पण और संगठन शक्ति ने भारत को नई दिशा दी है। इस यात्रा में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत का गौरव बढ़ाने और देश की शक्ति को मजबूती देने के लिए संघ के कार्यकर्ताओं का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

नागपुर में आरएसएस मुख्यालय का दौरा कर प्रधानमंत्री मोदी ने संघ के विचारधारा और कार्यों के प्रति अपने सम्मान को और गहरा किया। यह यात्रा भारतीय राजनीति और समाज के लिए महत्वपूर्ण मोड़ है और इससे यह स्पष्ट होता है कि मोदी सरकार संघ के विचारों और कार्यों को महत्व देती है।

प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से यह संदेश भी जाता है कि देश की संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन शक्ति के मूल्य आज भी प्रासंगिक हैं और इन मूल्यों को मजबूत करने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।