वाराणसी,11 अप्रैल (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुँचे । इस दौरान उन्होंने 3884.18 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने तीन वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ कार्ड भी प्रदान किए और ‘विकास पर्व’ के इस मौके पर जनता को संबोधित करते हुए एक बार फिर विपक्ष पर तीखा हमला बोला।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के मंत्र पर चलती है,जबकि विपक्षी दल केवल “परिवार का साथ,परिवार का विकास” के सिद्धांत पर आधारित हैं। उन्होंने इसे सत्ता की भूख और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित मानसिकता करार दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि पिछले 10 वर्षों में वाराणसी ने विकास की एक नई गति को प्राप्त किया है। उन्होंने कहा, “काशी ने आधुनिकता को अपनाया है, विरासत को संजोया है और भविष्य की नींव मजबूत की है। आज काशी सिर्फ पुरातन नहीं रही,बल्कि प्रगतिशील भी बन चुकी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी अब पूर्वांचल के आर्थिक नक्शे का केंद्र बन चुकी है। इस मौके पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया,जिनमें सड़क,जल,स्वास्थ्य, शिक्षा और कनेक्टिविटी से जुड़ी योजनाएँ शामिल थीं।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के अनेक जिलों को सीधा लाभ मिलेगा। हर घर जल योजना,नालों की सफाई,जलनिकासी व्यवस्था,स्मार्ट सड़कों,ग्रामीण क्षेत्रों में हेल्थ और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, सभी इस समग्र विकास मॉडल का हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले की जयंती का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश आज भी उनके विचारों से प्रेरणा ले रहा है।
उन्होंने कहा, “महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले ने जीवन भर नारी शक्ति,समाज सुधार और आत्मसम्मान के लिए संघर्ष किया। आज हम उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य,शिक्षा,आत्मनिर्भरता और रोजगार के लिए विभिन्न योजनाएँ चला रही है,जिनसे करोड़ों महिलाएँ लाभान्वित हो रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि काशी में उनका दौरा हनुमान जन्मोत्सव से ठीक एक दिन पहले हो रहा है और संकटमोचन महराज की इस नगरी में आकर वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं।
उन्होंने कहा कि, “हनुमान जन्मोत्सव से पहले काशी की जनता आज विकास का उत्सव मना रही है। काशी के स्वयं महादेव रखवाले हैं और उनका आशीर्वाद इस शहर के विकास में झलक रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में किसानों और पशुपालकों की चर्चा करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बन चुका है। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में देश के दुग्ध उत्पादन में लगभग 65% की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि, “हमने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है,ऋण की सीमा बढ़ाई है,सब्सिडी की व्यवस्था की है और खुरपका-मुँहपका जैसी बीमारियों से पशुधन को बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन कार्यक्रम चलाया जा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सफलता एक दिन में नहीं मिली,बल्कि यह दशकों की उपेक्षा के बाद पिछले 10 वर्षों की सुनियोजित नीति और मिशन मोड में काम करने का परिणाम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज काशी “आरोग्य की राजधानी” बन रही है। उन्होंने कहा कि एक समय था,जब पूर्वांचल के लोग इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई जाने को मजबूर होते थे,लेकिन अब उन्हें बड़े अस्पतालों की सुविधाएँ अपने ही शहर में उपलब्ध हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि, “आज बनारस में आयुर्वेद,एलोपैथी और होम्योपैथी सभी का संगम हो रहा है। यह हमारे हेल्थ सेक्टर की मजबूती का संकेत है। यही तो असली विकास है,जब सुविधाएँ लोगों के पास खुद चलकर आएँ।”
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि उनकी राजनीति केवल सत्ता हासिल करने के खेल तक सीमित है। उन्होंने कहा कि ये दल जनसेवा की नहीं, बल्कि परिवार की सेवा की राजनीति करते हैं।
उन्होंने कहा कि, “जो लोग दिन-रात सत्ता हथियाने के खेल में लगे रहते हैं,उनका एक ही सिद्धांत है—परिवार का साथ, परिवार का विकास,लेकिन हमारा मंत्र है—सबका साथ,सबका विकास।”
प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि सरकार विकास, संस्कृति,सामाजिक समरसता और आर्थिक आत्मनिर्भरता के एक समग्र मॉडल पर काम कर रही है। बनारस अब केवल अध्यात्म और इतिहास का शहर नहीं रहा, बल्कि यह आधुनिक भारत के विकास मॉडल का एक जीवंत उदाहरण बन चुका है।
पीएम मोदी के इस दौरे से न केवल राजनीतिक संदेश गया है,बल्कि आम जनता को यह भरोसा भी मिला है कि उनका प्रतिनिधि सिर्फ चुनाव में नहीं,बल्कि जमीन पर भी उनके साथ खड़ा है।