तेल अवीव,18 अक्टूबर (युआईटीवी)- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में एक वीडियो संदेश जारी कर हमास के आतंकवादी नेता याह्या सिनवार के मारे जाने का दावा किया है। नेतन्याहू ने बताया कि सिनवार 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हुए हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले को इजरायल के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में देखा जा रहा है और नेतन्याहू ने इसे यहूदियों के खिलाफ सबसे भयानक हमलों में से एक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला, जो होलोकॉस्ट (यहूदी नरसंहार) के बाद से सबसे खतरनाक हमला था। आतंकवादियों ने इस हमले में 1200 लोगों जिसमें बुजुर्ग, होलोकॉस्ट के जीवित बचे लोग और बच्चे शामिल थे की निर्दयता से हत्या कर दी।
नेतन्याहू ने कहा कि इस हमले में केवल भयानकता ही नहीं, बल्कि महिलाओं के साथ बर्बरता और बच्चों के साथ क्रूरता भी देखी गई। उन्होंने बताया कि 251 महिलाओं, पुरुषों और बच्चों को गाजा के अँधेरे स्थानों में बंधक बना लिया गया। इन घटनाओं को लेकर इजरायली समाज में गहरा सदमा और आक्रोश है।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि आज सिनवार का अंत हो गया है और उसे इजरायल रक्षा बलों के बहादुर सैनिकों ने रफाह में मार डाला। नेतन्याहू ने यह भी कहा कि यह गाजा में युद्ध का अंत नहीं है,बल्कि यह अंत का आरंभ है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह युद्ध तब समाप्त हो सकता है,जब हमास अपने हथियार डाल दे और सभी बंधकों को लौटा दे।
Raw footage of Yahya Sinwar’s last moments: pic.twitter.com/GJGDlu7bie
— LTC Nadav Shoshani (@LTC_Shoshani) October 17, 2024
इजरायल के प्रधानमंत्री ने बताया कि हमास वर्तमान में 101 बंधकों को पकड़े हुए है, जो 23 देशों के नागरिक हैं,जिनमें इजरायल के नागरिक भी शामिल हैं। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इजरायल सभी बंधकों को घर लाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगा और जो लोग बंधकों को लौटाएँगे,उनकी सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी।
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि अगर कोई बंधकों को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करेगा,तो इजरायल उन्हें ढूँढ़कर न्याय के कठघरे में लाएगा। उनका यह संदेश स्पष्ट रूप से एक निर्णायक कार्रवाई का संकेत देता है।
इसके साथ ही,नेतन्याहू ने ईरान की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि ईरान की बनाई आतंक की धुरी अब एक-एक कर ढह रही है। नसरल्लाह,उनके उप नेता और अन्य आतंकवादी नेता अब नहीं रहे। यह इशारा करता है कि इजरायल के दृष्टिकोण से, मध्य पूर्व में आतंकवाद की स्थिति में परिवर्तन आ रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग मध्य पूर्व में समृद्धि और शांति का भविष्य चाहते हैं, उन्हें एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक साथ आकर हम अँधकार की शक्तियों को पीछे धकेल सकते हैं और सभी के लिए प्रकाश और आशा का भविष्य बना सकते हैं। उनका यह संदेश इस बात का संकेत है कि शांति की स्थापना के लिए एक सामूहिक प्रयास आवश्यक है।
इस प्रकार से यह कहा जा सकता है कि नेतन्याहू का संदेश न केवल हमास के खिलाफ इजरायल के ठोस कदमों का परिचायक है, बल्कि यह भविष्य में मध्य पूर्व में शांति और समृद्धि के लिए एक बेहतर सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। उनके शब्दों में स्पष्टता और दृढ़ता है,जो दर्शाता है कि इजरायल किसी भी परिस्थिति में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
इस संघर्ष में, नेतन्याहू ने एक स्थायी समाधान के लिए एक मजबूत एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके और सभी के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।