प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू गाजा युद्धविराम समझौते पर चर्चा के लिए अमेरिका जाएँगे

यरुशलम,29 जनवरी (युआईटीवी)- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अगले सप्ताह वाशिंगटन की यात्रा करेंगे। यह बैठक 4 फरवरी को व्हाइट हाउस में आयोजित की जाएगी। नेतन्याहू के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह बैठक दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों और मध्य-पूर्व के संघर्षों पर चर्चा करने के उद्देश्य से होगी।

इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी न्यूज के मुताबिक, इस बैठक में गाजा युद्धविराम समझौते के दूसरे चरण पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद है। यह समझौता 19 जनवरी को शुरू हुआ,जब छह सप्ताह का युद्धविराम लागू हुआ था। इस युद्धविराम के 16वें दिन,गाजा में इजरायली बंधकों की रिहाई और इजरायली बलों की गाजा पट्टी से वापसी के बारे में बातचीत शुरू होने की संभावना है।

समझौते के पहले चरण के बाद,नेतन्याहू पर राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है,खासकर उनकी गठबंधन सरकार के प्रमुख सदस्य उन्हें गाजा में फिर से संघर्ष शुरू करने की ओर उकसा रहे हैं। नेतन्याहू को यह दबाव इस बात को लेकर है कि युद्धविराम के बावजूद इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।

व्हाइट हाउस ने नेतन्याहू को इस समझौते के अगले चरण में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक प्रोत्साहन पैकेज तैयार किया है। इस पैकेज में विशेष रूप से हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) को लक्षित करने वाले प्रतिबंध शामिल हैं। आईसीसी ने पिछले साल नवंबर के अंत में नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था,जो गाजा संघर्ष के दौरान ‘मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध’ में शामिल होने के आरोपों से संबंधित था। इस वारंट का उद्देश्य नेतन्याहू के खिलाफ कार्रवाई करना था,लेकिन यह सवाल भी उठाता है कि क्या अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की यह पहल इजरायल की राजनीति में एक नया मोड़ लाएगी।

इस बीच, इजरायली सरकार ने घोषणा की थी कि हमास इस सप्ताह छह बंधकों को रिहा करेगा,जबकि इजरायल गाजा में फिलिस्तीनियों को उत्तरी क्षेत्रों में अपने घरों में लौटने की अनुमति देगा। यह घोषणा एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है क्योंकि यह युद्धविराम समझौते का एक हिस्सा है,जिसका उद्देश्य गाजा में स्थितियों को स्थिर करना है।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय के अनुसार,इस समझौते को लेकर नेतन्याहू की नेतृत्व में गहन और कड़े बातचीत हुई थी,जिसके परिणामस्वरूप हमास को पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद,बंधकों की रिहाई और गाजा से इजरायली बलों की वापसी की दिशा में एक अतिरिक्त चरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह कदम गाजा में स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हो सकता है।

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष के दौरान,दोनों पक्षों की ओर से कई बार युद्धविराम की घोषणाएँ की गई हैं,लेकिन यह स्थिरता और शांति की ओर कोई ठोस कदम नहीं बढ़ा पाया है। नेतन्याहू और ट्रंप दोनों ही इस समझौते को लेकर सहमत हैं कि मध्य-पूर्व में शांति स्थापित करने के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।

इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष की जड़ें गहरे इतिहास में हैं और इसे सुलझाने के लिए दुनिया भर के नेताओं को सहयोग की आवश्यकता होगी। नेतन्याहू की आगामी वाशिंगटन यात्रा और व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक,दोनों देशों के संबंधों और मध्य-पूर्व में शांति प्रक्रिया के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो सकती है।

इस यात्रा के दौरान,नेतन्याहू और ट्रंप दोनों इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे कि कैसे युद्धविराम को स्थायित्व दिया जा सकता है और गाजा में शांति स्थापित की जा सकती है। इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप,इस संघर्ष के समाधान के लिए एक नई दिशा प्राप्त हो सकती है,जो न केवल इजरायल और फिलिस्तीन के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है।