यरूशलम,17 फरवरी (युआईटीवी)- इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई,जिसमें दोनों देशों ने गाजा पट्टी के भविष्य को लेकर अपनी रणनीतियों पर चर्चा की। यह बातचीत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा के भविष्य के लिए प्रस्तावित दृष्टिकोण पर केंद्रित थी,जिसमें गाजा की फिलिस्तीनी आबादी को आसपास के देशों में भेजने और गाजा क्षेत्र को मध्य पूर्व के “रिवेरा” जैसा बनाने का सुझाव दिया गया था। नेतन्याहू ने इस प्रस्ताव को “बहुत महत्वपूर्ण” और साहसिक बताया,जो क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक नया दृष्टिकोण हो सकता है।
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इजरायल और अमेरिका गाजा के मुद्दे पर “पूरा सहयोग” कर रहे हैं। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो का धन्यवाद किया,जो गाजा में इजरायल की नीतियों के स्पष्ट समर्थन में खड़े हैं। नेतन्याहू ने यह भी बताया कि उनके और ट्रंप की “एक समान रणनीति” है,जो गाजा में फिलिस्तीनियों के भविष्य और सुरक्षा की दिशा में काम करने के लिए साझा दृष्टिकोण को दर्शाती है। हालाँकि, नेतन्याहू ने यह स्पष्ट किया कि इस रणनीति के सभी पहलुओं का खुलासा सार्वजनिक नहीं किया जा सकता,विशेष रूप से यह कि इजरायल कब और किस प्रकार के कड़े कदम उठाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल तब तक अपनी रणनीतियों पर काम करेगा,जब तक सभी बंधक रिहा नहीं हो जाते।
इसके अलावा,नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ अमेरिका-इजरायल समन्वय की आवश्यकता पर भी जोर दिया। दोनों देशों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और उसकी क्षेत्रीय सैन्य गतिविधियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करने का निर्णय लिया है। नेतन्याहू ने यह कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि ईरान के पास “परमाणु हथियार नहीं होने चाहिए” और ईरान की क्षेत्रीय आक्रामकता को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। यह अमेरिका और इजरायल के रिश्तों को और मजबूत करता है,क्योंकि दोनों देश एक साझा उद्देश्य मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा की स्थापना के तहत काम कर रहे हैं।
मार्को रुबियो ने इस बातचीत में गाजा में अभी भी बंधक बनाए गए लोगों के बारे में अपनी चिंता जताई और कहा कि उन्हें “घर लौटने की जरूरत है,उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं हो सकता। रुबियो ने यह भी कहा कि ट्रंप ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि हमास,जो गाजा में एक सैन्य बल और सरकार के रूप में कार्य कर रहा है,को समाप्त किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि जब तक हमास सत्ता में रहेगा,शांति की उम्मीद करना मुश्किल होगा। रुबियो ने कहा कि हमास को समाप्त किए बिना गाजा में शांति नहीं आ सकती और इसे “खत्म किया जाना चाहिए।”
रुबियो ने ट्रंप के गाजा के भविष्य के लिए दृष्टिकोण का समर्थन किया,जिसे उन्होंने “कुछ नया” और “साहसिक” बताया। उनका मानना है कि इस दृष्टिकोण को लागू करने के लिए साहस और दूरदर्शिता की जरूरत है। इस दृष्टिकोण के तहत,गाजा की फिलिस्तीनी आबादी को क्षेत्रीय देशों में भेजने और गाजा को एक समृद्ध और शांतिपूर्ण क्षेत्र बनाने की योजना है,जिसे “रिवेरा” के रूप में विकसित किया जा सकता है। हालाँकि, यह दृष्टिकोण क्षेत्रीय देशों से विरोध और आलोचना का सामना कर रहा है, जो गाजा के भविष्य के बारे में अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
रुबियो ने अपने पदभार संभालने के बाद मध्य पूर्व की अपनी पहली यात्रा इजरायल की थी और उनके इस दौरे ने इस प्रस्ताव के महत्व को और बढ़ा दिया। ट्रंप के गाजा के भविष्य के प्रस्ताव को क्षेत्रीय देशों से नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है,लेकिन अमेरिकी नेतृत्व की ओर से इसे लागू करने की कोशिश जारी है। नेतन्याहू और रुबियो का यह संवाद इस बात का प्रतीक है कि अमेरिका और इजरायल के बीच गहरा सहयोग और साझा दृष्टिकोण है, जो गाजा और मध्य पूर्व में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा।
इस पूरे संवाद में जो सबसे अहम बात है,वह यह है कि दोनों देशों ने गाजा के भविष्य को लेकर एक साझा दृष्टिकोण तैयार किया है,जिसे लागू करने के लिए उन्हें ठोस कदम उठाने होंगे। हालाँकि, क्षेत्रीय विरोध और आलोचना के बावजूद,अमेरिका और इजरायल का यह सहयोग गाजा के मुद्दे को हल करने में एक नया मोड़ ला सकता है।