नई दिल्ली,23 दिसंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार शाम को कुवैत की दो दिवसीय यात्रा समाप्त हो चुकी है और अब वे अपने देश भारत के लिए रवाना हो चुके हैं। इस यात्रा के दौरान कुवैत के प्रधानमंत्री शेख अहमद अल-अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबाह ने उन्हें हवाई अड्डे पर विदाई दी। यह दृश्य भारत और कुवैत के बीच सजीव गर्मजोशी और आपसी सम्मान को दर्शाता है,जो दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक बन गया है। दोनों देशों के नेताओं के बीच का यह मुलाकात और सहयोग दोनों देशों के बीच के संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ अन्य कुवैती नेताओं के साथ विस्तृत बातचीत की। यह बैठक 22 दिसंबर 2024 को हुई,जिसमें दोनों देशों ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित करने का निर्णय लिया। साथ ही,रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस यात्रा में कुवैत के प्रधानमंत्री अहमद अब्दुल्ला अल-अहमद अल-सबा और युवराज (क्राउन प्रिंस) शेख सबा अल-खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा के साथ भी व्यापक चर्चा की गई।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी और कुवैती नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान व्यापार,निवेश,ऊर्जा,रक्षा,सुरक्षा,स्वास्थ्य,शिक्षा,प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के बीच संबंधों समेत कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा की। इस यात्रा के दौरान रक्षा संबंधों के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए,जो रक्षा उद्योगों,रक्षा उपकरणों की आपूर्ति,संयुक्त अभ्यास,प्रशिक्षण,कर्मियों और विशेषज्ञों के आदान-प्रदान और अनुसंधान एवं विकास में सहयोग को बढ़ावा देगा।
इसके अलावा,खेल,संस्कृति और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों से दोनों देशों के बीच सहयोग और भी प्रगाढ़ होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस दौरान भारतीय पक्ष ने खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के कुवैत की अध्यक्षता के माध्यम से इस प्रभावशाली समूह के साथ अपने सहयोग को बढ़ाने में रुचि व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी और कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा ने बायन पैलेस में हुई अपनी बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी,औषधि, फिनटेक,बुनियादी ढाँचे और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कुवैत में निवास करने वाले भारतीय समुदाय के कल्याण के लिए कुवैत सरकार का धन्यवाद किया,जबकि कुवैती नेताओं ने कुवैत की विकास यात्रा में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की।
Thank you Kuwait! This visit was historic and will greatly enhance our bilateral relations. I thank the Government and people of Kuwait for their warmth. I also thank the PM of Kuwait for the special gesture of coming to the airport for the see-off. pic.twitter.com/2WPKwPtXkT
— Narendra Modi (@narendramodi) December 22, 2024
मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “कुवैत के महामहिम अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के साथ शानदार बैठक हुई। हमने औषधि,सूचना प्रौद्योगिकी,फिनटेक,अवसंरचना और सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। हमारे देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों के अनुरूप,हमने अपनी साझेदारी को रणनीतिक स्तर तक बढ़ाया है। मैं आश्वस्त हूँ कि आने वाले समय में हमारी दोस्ती और भी विकसित होगी।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कुवैत को धन्यवाद दिया। उन्होंने कुवैत के प्रधानमंत्री को विदाई देने के लिए हवाई अड्डे पर आए विशेष सम्मान के लिए भी आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत में भारतीय समुदाय के दस लाख से अधिक नागरिकों का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए कुवैत सरकार को धन्यवाद दिया। उन्होंने कुवैत के ‘विजन 2035’ को पूरा करने के लिए भारत की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और साथ ही इस महीने की शुरुआत में जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) के शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए कुवैत के अमीर को बधाई दी।
जीसीसी एक महत्वपूर्ण समूह है,जिसमें संयुक्त अरब अमीरात,बहरीन,सऊदी अरब, ओमान,कतर और कुवैत शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में जीसीसी देशों के साथ भारत का कुल व्यापार 184.46 अरब अमेरिकी डॉलर था। मोदी ने इस सम्मेलन के दौरान खाड़ी देशों के साथ भारतीय संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए कुवैत की अध्यक्षता का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत के युवराज अल-मुबारक अल-सबा के द्वारा दिए गए भोज में भी हिस्सा लिया। इस भोज का आयोजन प्रधानमंत्री मोदी के सम्मान में किया गया था और इसमें द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने पर चर्चा की गई।
इस दौरान दोनों देशों के नेताओं ने ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों की याद दिलाते हुए द्विपक्षीय सहयोग को और भी विस्तार देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मोदी ने कुवैत के साथ आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और ऊर्जा,व्यापार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की।
भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंध बहुत मजबूत हैं। कुवैत,भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है,जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का 3 प्रतिशत पूरा करता है। इसके अलावा,कुवैत में भारतीय निर्यात पहली बार 2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है,जबकि कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश भारत में 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है, जो कुवैत के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा के दौरान कई अहम संदेश दिए। उन्होंने कुवैत को भारत का महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने का वचन लिया। उन्होंने कुवैत के ‘विजन 2035’ के कार्यान्वयन में भारत की भूमिका को बढ़ाने का भी संकेत दिया। कुवैत के साथ भारत के संबंधों में न केवल व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में,बल्कि सुरक्षा,रक्षा,सूचना प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढाँचे के क्षेत्रों में भी नई दिशा दिखाई दी।
इस यात्रा के बाद यह साफ है कि भारत और कुवैत के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत हो रही है,जो न केवल दोनों देशों के लिए,बल्कि पूरे खाड़ी क्षेत्र और दक्षिण एशिया के लिए फायदेमंद साबित होगी। पीएम मोदी का कुवैत दौरा द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है और इससे दोनों देशों के बीच सहयोग का दायरा और बढ़ेगा।
इस यात्रा से भारत और कुवैत के रिश्तों में नए आयाम जुड़ेंगे और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच और भी मजबूत सहयोग की संभावनाएँ हैं।