नई दिल्ली, 9 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारत के निर्माण में देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को मान्यता देने के लिए बनाया जा रहा प्रधानंमत्री संग्रहालय बन कर तैयार हो गया है। अंबेडकर जयंती के अवसर पर, 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस संग्रहालय का उद्घाटन करेंगे। इस उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी आमंत्रित किया जाएगा।
तीन मूर्ति स्थित इस प्रधानमंत्री संग्रहालय में भारत के अब तक के सभी 14 पूर्व भारतीय प्रधानमंत्रियों की जीवनी और उनके कार्यकाल में हुए विशेष योगदान का उल्लेख नई तकनीक के माध्यम से किया गया है। इस संग्रहालय में देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को दर्शाया गया है।
यह संग्रहालय पुराने और नए का सहज मिश्रण है और इसमें तत्कालीन नेहरू संग्रहालय भवन भी शामिल है जिसे अब ब्लॉक के रूप में नामित किया गया है। इसमें अब जवाहरलाल नेहरू के जीवन और योगदान को पूरी तरह से विकसित और तकनीकी रूप से उन्नत तरीके से प्रदर्शित किया गया है। दुनिया भर से उनको मिले कई ऐसे उपहारों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है जो अब तक प्रदर्शित नहीं किए गए थे।
आपको बता दें कि, वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के बारे में जागरूकता, जानकारी और देश निर्माण में दिए गए उनके योगदान के बारे में आम लोगों तक सटीक और सही जानकारी पहुंचाने के लिए इस प्रधानमंत्री संग्रहालय का निर्माण नई तकनीक के साथ किया गया है। इसमें सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को गैर-पक्षपातपूर्ण तरीके से दिखाया गया है।
संग्रहालय के भवन का डिजाइन विशेष तौर पर तैयार किया गया है और यह उभरते भारत की कहानी से प्रेरित है। इसमें टिकाऊ और ऊर्जा संरक्षण जैसी महत्वपूर्ण बातों का भी खास ध्यान रखा गया है। इसको बनाने में किसी भी पेड़ को काटा या प्रत्यारोपित नहीं किया गया है। इस इमारत का कुल क्षेत्रफल 10,491 वर्ग मीटर है। इमारत का लोगो राष्ट्र और लोकतंत्र का प्रतीक चक्र धारण करने वाले भारत के लोगों के हाथों का प्रतिनिधित्व करता है।
इस संग्रहालय में उपलब्ध कराई गई जानकारी दूरदर्शन, फिल्म डिवीजन, संसद टीवी, रक्षा मंत्रालय, मीडिया हाउस (भारतीय और विदेशी), प्रिंट मीडिया, विदेशी समाचार एजेंसियों सहित अन्य विश्वसनीय सोर्स और पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार वालों से संपर्क करके जुटाया गया है।
प्रधानमंत्री संग्रहालय में विशेष रूप से युवाओं के लिए सूचना को आसान और रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी-आधारित इंटरफेस को नियोजित किया गया है। प्रदर्शित सामग्री को अत्यधिक इंटरैक्टिव बनाने के लिए होलोग्राम, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, मल्टी-टच, मल्टी-मीडिया, इंटरेक्टिव कियोस्क, कम्प्यूटरीकृत काइनेटिक मूर्तियां, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, इंटरेक्टिव स्क्रीन, अनुभवात्मक इंस्टॉलेशन आदि का भी इस्तेमाल किया गया है।
भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि एनडीए सरकार ने देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को बिना किसी पक्षपात के मान्यता देने के लिए यह प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाया है। पीएम मोदी के मुताबिक देश के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को आम जनता के सामने लाना जरुरी है और यह संग्रहालय हमारे सभी प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व, दूर²ष्टि और उपलब्धियों के बारे में युवा पीढ़ी को प्रेरित करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
इस संग्रहालय में फिलहाल देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों को रखा गया है, लेकिन इसमें आगे चलकर भविष्य के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को भी समयानुसार शामिल किया जाएगा।
आपको बता दें कि, तीन मूर्ति स्थित नेहरू संग्रहालय में देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान को मान्यता देने के लिए प्रधानमंत्री संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव जब 2018 में पहली बार आया था, उस समय से ही कांग्रेस इसका लगातार विरोध कर रही है। उस समय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसका विरोध जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था और हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इसे लेकर भाजपा पर तीखा निशाना साधा था।