13 वी सदी में बना रामप्पा मंदिर जो तेलंगाना के मुगुलु जिले के पालमेट गांव में है और गुजरात के हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को
की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है । ताजमहल , खजुराहो के मंदिर जैसे 38 विश्व विरासत स्थल यानी वर्ल्ड हेरिटेज साइट भारत में है । अब इसमें दो और नाम जुड़ गए हैं ।
तेलंगना का रामप्पा मंदिर अपनी निर्माण और मजबूती के लिए जाना जाता है । यूनेस्को ने रामप्पा मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा प्रदान किया। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज समिति की चीन के फुझोउ में चल रही 44 वी बैठक में यह फैसला लिया गया। यह फैसला ऑनलाइन किया जा रहा है। स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समिति इकोमॉस ने 2021 में इस मंदिर का पहली बार भ्रमण किया था जिसमे नौ खामियाँ बताई गयी थी जो इसे विश्व धरोहर का दर्जा इसे विश्व धरोहर का दर्जा देने में बाधा थी लेकिन बाद में वर्ल्ड हेरिटेज समिति के सदस्यों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यह मंदिर पूरी दुनिया के लिए महत्व रखता है। इकोमॉस ने रामप्पा मंदिर कि दावेदारी को टालने का फैसला लिया। इस पर रूस ने भारत को एकमास के फैसले के खिलाफ अपनी बात रखने का मौका दिलाया जो कि भारत के पक्ष में काम आया। अंत में नॉर्वे को छोड़कर किसी ने रामप्पा मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किये जाने का विरोध नहीं किया।
यह मंदिर भगवान शिव का है। आंध्र प्रदेश के काकतीय वंश के महाराज गणपति देव ने इसका निर्माण कराया। मंदिर जब पूरा हुआ तो उसकी भव्यता और सुंदरता देख राजा इतने खुश हुए कि मंदिर का नाम शिल्पकार रामप्पा के नाम पर ही रख दिया।
गुजरात के हड़प्पा काल के शहर धोलावीरा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूचि में शामिल किया गया। विश्व धरोहर समिति के फुझोउ में हुई अध्यक्षता में यह घोषित किया गया। यह अध्यक्षता 16 जुलाई से 31 जुलाई तक ऑनलाइन चलेगा। भारतीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी ने एक ट्वीट में कहा कि मुझे भारतवासियों से यह साझा करते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि अब धोलावीरा के रूप में यूनेस्को
की विश्व धरोहर सूचि भारत का 40 वा स्थल शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि आज भारत के लिए ख़ास कर गुजरात के लिए गर्व का दिन है।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा कि इस खबर से बहुत ख़ुशी हुई। सभी को बहुत-बहुत बधाई। प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतीय वंश कि उत्कृष्ट शिल्पकला को दर्शाता है। धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहरी केंद्र था और हमारे अतीत के साथ हमारे सबसे महत्वपूर्ण सम्बन्धो में से एक है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी जी ने सबसे आग्रह किया है कि वहाँ जाकर इसकी भव्यता का अनुभव करें।