ब्रिस्बेन,18 दिसंबर (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की और तत्काल प्रभाव से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। अश्विन ने यह घोषणा ब्रिस्बेन में तीसरे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट मैच के अंत के बाद की,जो बारिश के कारण ड्रॉ रहा था। इस मौके पर अश्विन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भावुक होकर अपनी क्रिकेट यात्रा को समाप्त करने की बात कही।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अश्विन ने कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में भारतीय क्रिकेटर के रूप में यह मेरा आखिरी दिन होगा। मुझे लगता है कि एक मुझमें अभी भी क्रिकेटर के रूप में कुछ दमखम बाकी है,लेकिन अब मैं इसे क्लब क्रिकेट में उजागर करना चाहता हूँ और शायद वहाँ अपनी क्षमता दिखाना चाहूँगा,लेकिन भारत के लिए यह मेरा आखिरी दिन है।” उन्होंने आगे कहा कि उनके लिए यह एक बहुत ही खास यात्रा रही है और वह क्रिकेट से जुड़े अपने अनुभवों को हमेशा याद रखेंगे। अश्विन ने कहा कि उन्होंने भारतीय टीम के साथ बहुत अच्छे पल बिताए हैं और विशेष रूप से कप्तान रोहित शर्मा और अन्य साथी खिलाड़ियों के साथ कई यादें बनाईं हैं,जिनमें से कुछ यादें वह खो चुके हैं,लेकिन वे उन्हें हमेशा अपने दिल में संजोकर रखेंगे।
अश्विन ने क्रिकेट में अपने 12 वर्षों के शानदार करियर को समेटते हुए कहा, “हम ड्रेसिंग रूम से बाहर अब आखिरी ओजी (ऑल-जीनेरेशन) हैं। यह एक भावुक पल है और मैं इसे इस स्तर पर खेलने के अपने अंतिम दिन के रूप में मानता हूँ।” अश्विन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह भविष्य में क्लब क्रिकेट के स्तर पर खेलना जारी रखेंगे और वहाँ से अपनी क्रिकेट यात्रा को आगे बढ़ाएँगे।
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— Ashwin 🇮🇳 🧢 (@ashwinnravi99) December 18, 2024
अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 24 की औसत से 537 विकेट लेकर भारतीय क्रिकेट में अपने नाम की छाप छोड़ी। अनिल कुंबले के बाद वह भारत के दूसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। इसके अलावा,उन्होंने बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया और छह टेस्ट शतक तथा 14 अर्द्धशतक बनाए हैं। उनका अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच एडिलेड में हुआ था,जहाँ उन्होंने डे-नाइट टेस्ट मैच में 1-53 विकेट लिए थे।
जब बारिश के कारण मैच में देरी हो रही थी और ड्रेसिंग रूम की बालकनी से अश्विन भावुक होकर विराट कोहली से गले मिलते हुए दिखे,तो यह संकेत मिल गए थे कि उनका संन्यास आने वाला है। उनके संन्यास की घोषणा उनके प्रशंसकों और साथी खिलाड़ियों के लिए एक सदमा था। अश्विन ने इस अवसर पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और अपने साथी खिलाड़ियों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “बहुत से लोगों को धन्यवाद देना है,लेकिन अगर मैं बीसीसीआई और अपने साथी खिलाड़ियों का धन्यवाद नहीं करता,तो मैं अपने कर्तव्यों में विफल हो जाऊँगा। मैं उनके नाम जरूर लूँगा।” अश्विन ने विशेष रूप से कोचों,कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली,अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का धन्यवाद किया,जिन्होंने उनकी यात्रा में उनका साथ दिया और साथ ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम को भी धन्यवाद दिया,जिनके खिलाफ खेल कर उन्होंने बहुत लुत्फ उठाया।
टेस्ट क्रिकेट में अश्विन ने भारत के 12 साल लंबे घरेलू वर्चस्व में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में अहम योगदान दिया था। वह टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन और 300 विकेट का डबल करने वाले दुनिया के 11 ऑलराउंडरों में से एक हैं। इसके अलावा,उन्होंने मुथैया मुरलीधरन के बराबर रिकॉर्ड 11 प्लेयर-ऑफ-द-सीरीज़ पुरस्कार भी जीते हैं,जो उनकी गेंदबाजी और ऑलराउंड प्रदर्शन का प्रमाण हैं।
अपने संन्यास के बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा, “मुझे लगता है कि यह पहले से ही लंबा हो रहा है और मैं कोई सवाल नहीं लूँगा। यह वास्तव में एक बहुत ही भावुक क्षण है और मुझे नहीं लगता कि मैं अभी इस स्थिति में हूँ,जहाँ सवालों का मैं सही तरीके से जवाब दे पाऊँ। कृपया मुझे इसके लिए माफ़ करें।”
उन्होंने पत्रकारों का भी धन्यवाद किया और कहा, “आपका धन्यवाद कि आपने हमेशा अच्छे शब्दों के साथ हमारी यात्रा को लिखा और कभी-कभी बुरी बातें भी लिखीं। यह एक ऐसा रिश्ता है,जिसे हम हमेशा बनाए रखेंगे। मुझे उम्मीद है कि आपने जितना साथ और प्यार मुझे दिया है,उतना ही प्यार भविष्य में आने वाले क्रिकेटरों को भी मिलेगा।”
अश्विन ने अपने संन्यास के बाद भी क्रिकेट से जुड़े रहने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, “यह एक खेल है,जिसने मुझे सब कुछ दिया है और मैं इससे कभी दूर नहीं जाऊँगा। मैं खेल से जुड़े रह सकता हूँ, क्योंकि यह मेरे लिए हमेशा एक खास स्थान रखेगा।” अपने भावुक संबोधन को समाप्त करते हुए अश्विन ने सभी का धन्यवाद किया और कहा, “एक बार फिर,आप सभी का धन्यवाद। जल्द-ही आप सभी से मिलूँगा। एक क्रिकेटर के रूप में,मैंने इसे अभी बंद कर दिया है।”
अश्विन का यह संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के समाप्त होने जैसा है, क्योंकि वह एक ऐसे गेंदबाज रहे हैं,जिन्होंने टीम इंडिया को कई मैचों में जीत दिलाई और अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से भारतीय क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई। उनके संन्यास के बाद उनकी भूमिका को भरना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा,लेकिन उनका योगदान हमेशा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में याद रखा जाएगा।