नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) और बीपी ने शुक्रवार को काकीनाड़ा तट के ब्लॉक केजी डी6 में आर-क्लस्टर, अल्ट्रा-डीप-वॉटर गैस क्षेत्र से उत्पादन शुरू करने की घोषणा की। यह रिलायंस-बीपी की तीन गहरे समुद्र की परियोजनाओं में से एक है। पूर्वी अपतटीय ब्लॉक में इन परियोजनाओं का विकास किया जा रहा है। रिलायंस और बीपी केजी-डी6 ब्लॉक में तीन गहरे पानी की गैस परियोजनाओं आर क्लस्टर, सैटेलाइट क्लस्टर और एमजे का विकास कर रही हैं। ये तीनों परियोजनाएं 2023 तक देश की 15 प्रतिशत गैस की मांग को पूरा कर सकती हैं।
रिलायंस केजी-डी6 ब्लॉक की परिचालक है। इस ब्लॉक में उसकी हिस्सेदारी 66.67 प्रतिशत है, जबकि शेष 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी के पास है।
तीनों परियोजनाओं में से आर-क्लस्टर पहली परियोजना है, जिसमें सबसे पहले उत्पादन शुरू हुआ है। यह क्षेत्र काकीनाड़ा तट के मौजूदा केजी-डी 6 कंट्रोल एंड राइजर प्लेटफॉर्म (सीआरपी) से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र पानी में 2,000 मीटर से अधिक गहराई में स्थित है। यह एशिया का सबसे गहरा अपतटीय गैस क्षेत्र है। इस क्षेत्र से गैस उत्पादन 2021 में 1.29 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन (एमएमएससीएमडी) पर पहुंचने की उम्मीद है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “बीपी के साथ भागीदारी पर हमें गर्व है। दोनों कंपनियों की विशेषज्ञता की वजह से हम गैस परियोजनाओं को तेजी से चालू कर पा रहे हैं। ये परियोजनाएं चुनौतीपूर्ण भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों के बीच स्थित हैं।”
अंबानी ने कहा, यह देश के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके जरिए हम स्वच्छ और हरित गैस-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होंगे। कृष्णा गोदावरी बेसिन में अपने गहरे पानी के ढांचे के जरिए हम राष्ट्र की स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा कर पाएंगे।
वहीं बीपी के मुख्य कार्यकारी बर्नार्ड लूनी ने कहा, यह स्टार्ट-अप हमारी रिलायंस के साथ भागीदारी की संभावना का एक और उदाहरण है। हम दोनों कंपनियों के सर्वश्रेष्ठ कार्य के जरिए भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।”
अगली परियोजनाओं की बात करें तो सैटेलाइट क्लस्टर 2021 में और एमजे परियोजना के 2022 में आने की उम्मीद है।