मुंबई,4 नवंबर (युआईटीवी)- भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में ऋषभ पंत के विवादास्पद आउट होने के मामले में अपनी राय रखी। यह घटना तब हुई जब तीसरे अंपायर ने बिना ठोस सबूत के मैदानी अंपायर के फैसले को पलट दिया।
पंत शानदार फॉर्म में थे,उन्होंने 64 रन बनाए और भारत को सम्मान बचाने के लिए 147 रनों के लक्ष्य की ओर ले जा रहे थे। भारत की पारी का आरंभ काफी खराब रहा और टीम ने अपने 5 विकेट 29 पर खो चुकी थी। ऐसे में पंत ने अपनी बल्लेबाजी से टीम को उबारा और 100 रन के करीब ले गए,लेकिन पंत का विकेट एक विवाद में बदल गया। उन्हें तीसरे अंपायर ने आउट करार दिया,जबकि मैदानी अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने पहले उन्हें नॉट आउट दिया था। पंत का कहना था कि गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी,बल्कि सीधे पैड पर लगी थी। उन्होंने अंपायर से संपर्क किया,लेकिन तीसरे अंपायर ने फैसला बदलते हुए पंत को आउट करार देते हुए अपना निर्णय न्यूजीलैंड के पक्ष में दिया।
रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ईमानदारी से, मुझे नहीं पता। यदि हम कुछ कहते हैं,तो इसे अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया जाता है,लेकिन यदि व्यापक सबूत हैं,तो इसे मैदानी अंपायर के फैसले के साथ खड़ा होना चाहिए। यही मुझे बताया गया है।” उन्होंने कहा कि वह नहीं समझते कि वह फैसला कैसे पलटा गया,क्योंकि मैदानी अंपायर ने पहले ही पंत को नॉट आउट दिया था।
रोहित ने आगे कहा,”बल्ला स्पष्ट रूप से पैड के करीब था। इसलिए मुझे नहीं पता कि इसके बारे में बात करना सही है या नहीं। यह अंपायरों के लिए सोचने वाली बात है,हर टीम के लिए एक जैसे नियम होने चाहिए।” उन्होंने माना कि पंत का आउट होना भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण था,क्योंकि वह उस समय वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे और ऐसा लग रहा था कि वह भारत को लक्ष्य तक पहुँचा देंगे।
पंत के आउट होने के बाद, भारत ने जल्द ही अन्य विकेट खो दिए और पूरी टीम आल आउट हो गई। 29/5 के खराब स्कोर से पंत ने तीसरे दिन लंच तक टीम को 92/6 पर पहुँचा दिया,जो एक बड़ी उपलब्धि थी। उन्होंने अपनी पारी में आक्रामकता व सावधानी का संयोजन दिखाया और रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 42 रन जोड़े।
जडेजा के आउट होने के बाद, पंत ने वाशिंगटन सुंदर के साथ साझेदारी कर स्कोर को 100 रन के पार पहुँचाया,लेकिन जब भारत को जीत के लिए 41 रन की आवश्यकता थी,तभी उन्हें विवादास्पद तरीके से आउट दिया गया।
यह निर्णय न केवल मैच के परिणाम को प्रभावित करता है,बल्कि यह भारतीय टीम की मानसिकता पर भी असर डालता है। रोहित का कहना है कि यह आउट वास्तव में उनके दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था और पंत की बल्लेबाजी ने टीम की उम्मीदों को जीवित रखा था।
इस प्रकार, यह घटना न केवल एक तकनीकी मुद्दा है, बल्कि यह खेल की निष्पक्षता और अंपायरिंग की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाती है।