मॉस्को,18 फरवरी (युआईटीवी)- रूस ने घोषणा किया है कि विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो समेत अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों के साथ वार्ता करेंगे। यह वार्ता रूस-अमेरिका संबंधों को बेहतर बनाने और यूक्रेन में चल रहे युद्ध को समाप्त करने पर केंद्रित होगी। यह बातचीत सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आयोजित होगी। रिपोर्ट के अनुसार,अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और मध्य पूर्व के दूत स्टीव विटकॉफ भी इस महत्वपूर्ण वार्ता में हिस्सा लेंगे।
यह वार्ता रूस और अमेरिका के बीच वर्षों में पहली उच्च स्तरीय,आमने-सामने की बातचीत होगी। रूस के सरकारी प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को बताया कि रूस और अमेरिका के प्रतिनिधि सऊदी अरब में मंगलवार को बैठक करेंगे। पेसकोव ने कहा, “मुख्य उद्देश्य रूस और अमेरिका के बीच संबंधों को बहाल करना होगा। साथ ही,इस बैठक में यूक्रेनी समझौते पर वार्ता की संभावना और दोनों राष्ट्रपतियों के बीच बैठक आयोजित करने पर भी विचार होगा।”
जब पेसकोव से इस बैठक के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस महीने के अंत में सऊदी अरब में आमने-सामने मुलाकात करने के बारे में पूछा गया,तो उन्होंने इस बारे में किसी भी प्रकार के टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। हालाँकि,उन्होंने यह भी बताया कि सर्गेई लावरोव और राष्ट्रपति पुतिन के सहायक यूरी उशाकोव सोमवार को रियाद के लिए रवाना होंगे। वे मंगलवार को अमेरिकी प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे और इस बैठक के परिणामों के बारे में पुतिन को जानकारी देंगे।
क्रेमलिन के प्रवक्ता पेसकोव ने बताया कि 12 फरवरी को पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर बातचीत हुई थी,जिसमें दोनों नेताओं ने भविष्य में एक बैठक आयोजित करने और व्यक्तिगत संपर्क बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की थी। यह बातचीत दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने और युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शनिवार को सर्गेई लावरोव से फोन पर बात की थी,जिसमें उन्होंने यूक्रेन संकट और रूस की भूमिका पर चर्चा की। रुबियो ने रविवार को कहा कि आने वाले सप्ताह और दिन यह निर्धारित करेंगे कि रूस और पुतिन शांति स्थापित करने के लिए गंभीर हैं या नहीं।
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी इस क्षेत्र में हैं। उन्होंने रविवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा की और कहा कि उनका सऊदी अरब और तुर्की जाने का भी इरादा है, हालाँकि,उन्होंने इसके लिए कोई तारीख तय नहीं की है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि उनकी रूस या अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात करने की कोई योजना नहीं है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यूक्रेन को सऊदी अरब द्वारा आयोजित इस वार्ता में आमंत्रित नहीं किया गया है,क्योंकि यह विशेष रूप से रूस और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित है।
रूस और अमेरिका के बीच यह बातचीत इस समय बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी देशों,विशेष रूप से अमेरिका ने यूक्रेन को समर्थन प्रदान किया है,जबकि रूस का दावा है कि यह युद्ध उसकी सुरक्षा के लिए जरूरी था। दोनों देशों के नेताओं के बीच इस तरह की उच्च स्तरीय वार्ता,अगर सफल होती है,तो यह रूस-अमेरिका संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
सऊदी अरब का स्थान इस वार्ता के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। मध्य पूर्व का एक प्रमुख शक्ति केंद्र सऊदी अरब है,जिसने हमेशा अपनी तटस्थ स्थिति बनाए रखी है और इसने कई अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है। सऊदी अरब की मध्यस्थता में इस वार्ता को दोनों देशों के लिए एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है, जहाँ वे एक साथ बैठकर समझौते के रास्ते खोज सकते हैं।
इस वार्ता को लेकर वैश्विक समुदाय की निगाहें हैं। अगर रूस और अमेरिका के बीच इस बातचीत से यूक्रेन युद्ध की दिशा में कोई सकारात्मक परिवर्तन होता है,तो यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी राहत होगी। वहीं, इस दौरान यूक्रेन की स्थिति को लेकर भी चर्चा की जाएगी,क्योंकि युद्ध में यूक्रेन के नागरिकों की भारी संख्या में जान जा चुकी है और इसने पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैला दी है।
यह वार्ता रूस और अमेरिका के लिए अपनी विदेश नीति को पुनः परिभाषित करने और अपने रिश्तों को सुधारने का एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है,जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।