वाशिंगटन,24 जनवरी (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक वीडियो लिंक के जरिए दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईसी) के वार्षिक सम्मेलन में एक अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब और ओपेक (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन) रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को “तुरंत” समाप्त कर सकते हैं। उनका यह बयान उस समय आया जब रूस-यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था पर गहरे प्रभाव डाले हैं।
ट्रंप ने कहा, “यदि तेल की कीमत कम हो जाती है,तो रूस-यूक्रेन युद्ध तुरंत समाप्त हो जाएगा। वर्तमान में तेल की कीमत इतनी अधिक है कि यह युद्ध को जारी रखने का कारण बन रही है।” उनके मुताबिक,तेल की कीमतों का युद्ध पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है,क्योंकि उच्च तेल कीमतें रूस की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं, जिससे वह युद्ध को जारी रखने में सक्षम हो रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस पर जोर दिया कि वह सऊदी अरब और ओपेक से तेल की कीमत कम करने की अपील करेंगे। ट्रंप ने कहा कि, “आपको इसे कम करना होगा, मुझे हैरानी है कि उन्होंने चुनावों से पहले ऐसा क्यों नहीं किया… उन्हें यह बहुत पहले ही कर लेना चाहिए था।” ट्रंप का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि वह सऊदी अरब और अन्य तेल उत्पादक देशों से अपेक्षाएँ रखते हैं कि वे अपनी उत्पादन नीति में बदलाव कर तेल की कीमतों को कम करें ताकि रूस को आर्थिक दबाव डाला जा सके और युद्ध समाप्त हो सके।
साथ ही,ट्रंप ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि वह रियाद से अमेरिकी निवेश पैकेज को बढ़ाकर 600 बिलियन डॉलर से 1 ट्रिलियन डॉलर करने की अपील करेंगे। यह कदम अमेरिकी-खाड़ी देशों के रिश्तों को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया जाएगा। ट्रंप के अनुसार,इस प्रकार के निवेश से ना सिर्फ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा,बल्कि सऊदी अरब और ओपेक के देशों पर दबाव भी बढ़ेगा, ताकि वे युद्ध को समाप्त करने में मदद करें।
रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था,जिसके बाद से युद्ध के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि उनका मानना है कि यूक्रेन समझौता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “वह [यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की] समझौता करने के लिए तैयार हैं। वह रुकना चाहेंगे। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने बहुत सारे सैनिक खो दिए हैं। रूस ने भी ज्यादा सैनिक खोए हैं,उन्होंने 8,00,000 सैनिक खो दिए।” ट्रंप के मुताबिक,यूक्रेन और रूस दोनों देशों ने अपने सैनिकों की भारी संख्या में हानि झेली है,जिससे दोनों देशों में युद्ध की भयावहता को लेकर निराशा फैल गई है।
इसके अलावा,ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने की इच्छा भी जताई। उन्होंने कहा, “मैं वास्तव में जल्द ही राष्ट्रपति पुतिन से मिलना चाहूँगा ताकि युद्ध समाप्त हो सके। यह अर्थव्यवस्था या किसी अन्य चीज के नजरिए से नहीं कह रहा हूँ,बल्कि यह इस दृष्टिकोण से कह रहा हूँ कि लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो रही हैं। यह एक नरसंहार है और हमें वास्तव में युद्ध को रोकना होगा।” ट्रंप का यह बयान युद्ध की मानवीय लागत को रेखांकित करता है,जिसमें लाखों नागरिकों की जान जा चुकी है और लाखों लोग बेघर हो गए हैं।
यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि ट्रंप ने पहले भी कई बार दावा किया था कि वह अपनी कार्यकाल के पहले दिन ही यूक्रेन और रूस के बीच समझौता करवा लेंगे। हालाँकि, अब उनके सलाहकार मानते हैं कि युद्ध को सुलझाने में महीनों लग सकते हैं,क्योंकि यह एक जटिल और लंबा संघर्ष है,जिसमें विभिन्न राजनीतिक,सैन्य और आर्थिक पक्ष शामिल हैं।
ट्रंप के बयान और उनकी अपील से यह स्पष्ट होता है कि वह युद्ध को समाप्त करने के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता महसूस करते हैं। उनका यह मानना है कि यदि सऊदी अरब और ओपेक के देशों ने तेल की आपूर्ति में बदलाव किया और तेल की कीमतों को नियंत्रित किया,तो रूस को दबाव में लाकर युद्ध को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है।
वहीं,ट्रंप की विदेश नीति और उनकी युद्ध समाप्ति के प्रयासों को लेकर विभिन्न प्रतिक्रिया मिल रही हैं। कुछ लोग उनकी इस पहल को सराहते हैं,जबकि कुछ अन्य इसे केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा मानते हैं। फिर भी,युद्ध के निरंतर फैलने और मानवीय संकटों को देखते हुए,इस प्रकार के प्रस्ताव वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।