नई दिल्ली, 8 सितम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक संकट के समय रूसी कच्चे तेल का आयात सरकार के ‘मुद्रास्फीति प्रबंधन’ का एक हिस्सा था।
यहां एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल’ के कारण था कि सभी देशों के साथ संबंध बनाए रखते हुए, भारत रूसी कच्चे तेल को प्राप्त करने में कामयाब रहा।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री रूसी क्रूड प्राप्त करने के निर्णय के राजनीतिक नतीजों के प्रति पूरी तरह से सचेत थे और “यहां मैं प्रधानमंत्री की लीडरशिप का श्रेय देती हूं कि हमने सभी देशों के साथ अपने संबंध बनाए रखे और रूसी क्रूड प्राप्त करने में कामयाब रहे। यहां तक कि जापान भी अब ऐसा कर रहा है।”
उन्होंने आगे विस्तार से बताया कि ‘ऐसे समय में जब वैश्विक संकट किसी की सामथ्र्य से परे जा रहा था और हमने पिछले साल नवंबर में (ईंधन) की कीमतें कम कीं और फिर जून (2022) में उस स्तर पर एक मजबूत राजनीतिक निर्णय लिया.. मैं रूस से कच्चे तेल प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री के साहस का सम्मान करती हूं क्योंकि वे इसे छूट पर दे रहे थे।”
अन्यथा, वित्त मंत्री ने कहा कि भारत के पूरे आयात में रूसी कम्पोनेंट का केवल 2 प्रतिशत था। उन्होंने कहा, “कुछ महीनों में इसे बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया।”