लखनऊ/नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)- सहारा इंडिया परिवार ने सोमवार को कहा कि पिछले 75 दिनों में सहारा समूह ने 10.17 लाख सदस्यों को 3,226.03 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। इस अवधि में भुगतान की गई कुल राशि में से 2.18 प्रतिशत भुगतान उन लोगों को किया गया है, जिन्होंने देरी से भुगतान करने की शिकायत की थी। देरी से शिकायत करने वाले निवेशकों की संख्या कुल निवेशकों की संख्या का 0.07 प्रतिशत है। बता दें कि पूरे भारत में सहारा के लगभग 8 करोड़ निवेशक हैं।
पिछले 10 सालों में सहारा ने 5.76 करोड़ निवेशकों को 140 लाख करोड़ रुपये का मैच्योरिटी पेमेंट किया है।
समूह ने अपने बयान में कहा, “यह ग्रुप भुगतान में देरी होने की बात को स्वीकार करता है, जिसके पीछे प्रमुख कारण माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले 8 साल से लगाए गए प्रतिबंध हैं। समूह की सहकारी संपत्तियों (सहकारी समितियों सहित) या संयुक्त संपत्ति को बेचने या गिरवी रखने से जो भी पैसा आएगा उसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सहारा-सेबी खाते में जमा किया जाना है। हम संगठनात्मक कार्यो के लिए एक रुपये का भी उपयोग नहीं कर सकते हैं, ना ही निवेशकों का पैसा चुकाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।”
सहारा अब तक ब्याज समेत करीब 22,000 करोड़ सहारा-सेबी खाते में जमा कर चुका है। जबकि सेबी ने निवेशकों को केवल 106.10 करोड़ रुपयों का भुगतान किया है। साथ ही एक साल पहले के अपने अंतिम विज्ञापन में सेबी ने स्पष्ट कर दिया था कि अब वह आगे किसी भी दावे पर विचार नहीं करेगा।
सहारा के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सहारा कभी चिट फंड के कारोबार में नहीं था।