मुंबई, 1 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)- कोविड -19 की दूसरी लहर और परिणामी प्रतिबंधों ने फिर से आर्थिक गतिविधियों को पंगु बना दिया है। इसकी झलक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास के ²ष्टिकोण को संशोधित करने से मिलती है।
नवीनतम एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट ने भारत के सकल घरेलू उत्पाद के लिए 7.9 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो इसके पिछले 10.4 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से कम है।
हालांकि, इसमें कहा गया है, “हम सरकारी अनुमानों के अनुसार जुलाई के मध्य से प्रति दिन 1 करोड़ टीकाकरण की उत्कट आशा के साथ इस संख्या को ऊपर की ओर पूर्वाग्रह प्रदान करते हैं।”
इसने यह भी नोट किया कि इस बार अर्थव्यवस्था पर ‘असमान रूप से बड़ा’ प्रभाव होने की संभावना है और यह देखते हुए कि ग्रामीण शहरी की तरह लचीला नहीं है, मांग में तेजी से वित्त वर्ष 22 के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानों में बड़ा अंतर आने की संभावना नहीं है । इसलिए यह केवल एक मामूली पिकअप हो सकता है।
सोमवार को, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत संकुचन की सूचना दी।
एसबीआई इकोरैप ने उल्लेख किया कि अनंतिम अनुमानों में वित्त वर्ष 21 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद को दूसरे अग्रिम अनुमानों के अनुसार 134.09 लाख करोड़ रुपये से संशोधित कर 135.13 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
इस प्रकार, वित्त वर्ष 21 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि -7.3 प्रतिशत पर दर्ज की गई थी, जो पहले के एसबीआई अनुमान -8.0 प्रतिशत के मुकाबले थी।
यह कहा, “क्यू 4 वित्त वर्ष21 में सकारात्मक विकास दर, जिसे दूसरे अग्रिम अनुमानों में नकारात्मक होने का अनुमान लगाया गया था, ने सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट को रोकने में मदद की है।”