भारतीय सेना का जवान (तस्वीर क्रेडिट@frontline00)

उधमपुर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद,जम्मू-कश्मीर में बढ़ी आतंकी गतिविधियाँ

उधमपुर,24 अप्रैल (युआईटीवी)- जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले के बसंतगढ़ इलाके में गुरुवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया। यह मुठभेड़ उस समय हुई,जब सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया था।

व्हाइट नाइट कॉर्प्स की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार,खुफिया सूत्रों से मिली सटीक जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में आतंकियों की तलाश के लिए अभियान चलाया। तलाशी के दौरान जब आतंकियों ने खुद को घिरा पाया,तो उन्होंने अचानक सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने भी मोर्चा संभाला। इस मुठभेड़ में एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया,जिसे तुरंत चिकित्सा सहायता दी गई,लेकिन अत्यधिक खून बह जाने के कारण उनकी जान नहीं बच सकी।

सुरक्षा बलों ने इलाके को चारों ओर से घेर रखा है और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन अभी भी जारी है। सेना और पुलिस मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई भी आतंकी भाग न पाए।

यह मुठभेड़ ऐसे समय पर हुई है,जब जम्मू-कश्मीर पहले से ही आतंकी गतिविधियों के चलते हाई अलर्ट पर है। मंगलवार को अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। इस हमले के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा एजेंसियों ने सख्त निगरानी और तलाशी अभियान तेज कर दिए हैं।

भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस का विशेष अभियान समूह (एसओजी) पुंछ जिले के लसाना वन क्षेत्र में भी सक्रिय है। यहाँ भी आतंकियों के छिपे होने की आशंका है। सेना हर दिशा से इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चला रही है।

पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी विदेश दौरा बीच में ही छोड़कर भारत लौटने का निर्णय लिया। देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए प्रधानमंत्री ने दिल्ली पहुँचते ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।

सीसीएस की बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी कि यह फैसला पाकिस्तान से बढ़ते तनाव और उसकी ओर से प्रायोजित आतंकी हमलों के जवाब में लिया गया है।

जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंकी गतिविधियों का केंद्र बनता नजर आ रहा है। सुरक्षा बल पूरी तत्परता के साथ मोर्चे पर डटे हुए हैं और सरकार की ओर से भी कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।