24 जनवरी (युआईटीवी)- यदि आप डेस्क जॉब करते हैं,जिसके कारण आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं,तो ऐसे में आप लंबे समय तक बैठे रहने से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों से ग्रसित हो सकते हैं और मृत्यु का खतरा भी बढ़ जाता है। हालाँकि,एक नया अध्ययन जो ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित किया गया,वह सुझाव देता है कि यदि आप अपने दिनचर्या में कुछ समय व्यायाम के लिए निकाल लेते हैं,तो यह गतिहीन जीवन शैली के जोखिमों का मुकाबला करने में मदद कर सकती है।
नॉर्वे और स्वीडन में 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों के लिए संक्षिप्त व्यायाम सत्र के लाभों पर प्रकाश डालते हुए नॉर्वे में ट्रोम्स विश्वविद्यालय और डेनमार्क में आरहूस विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा आयोजित यह अध्ययन किया गया। यह रिसर्च 12 हजार लोगों पर किया गया और निष्कर्ष निकला कि जो व्यक्ति लगातार 12 घंटे से अधिक समय बैठे रहते हैं,उनमें 38 फीसदी तक मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
रिसर्च में पता चला कि रोजाना 10.5 घंटे से कम समय 5943 लोगों ने बैठकर बिताया,जबकि 10.5 घंटे से ज्यादा का समय 6042 लोगों ने बैठकर बिताया। डेथ रजिस्ट्रीज से पता चला कि 5 साल की अवधि में 448 वैसे लोगों की मृत्यु हुई है,जो 10.5 घंटे से ज्यादा समय बैठकर बिताया था तथा 10.5 घंटे से कम समय बैठकर बिताने वालों में 375 लोगों की मृत्यु हुई है।
एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि यदि हम 20-25 मिनट का व्यायाम प्रति दिन करते हैं तो लंबे समय तक बैठे रहने से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों से ग्रसित होने से बच सकते हैं और मृत्यु के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में ऑनलाइन प्रकाशित रिपोर्ट से पता चला है कि शारीरिक गतिविधि की उच्च क्षमता कम जोखिम से जुड़ी हुई है। चाहे आप कितना भी समय रोजाना बैठकर बिताते हो। विकसित देशों में व्यस्क रोजाना औसतन 9 से 10 घंटे बैठकर बिताते हैं। रिसर्चर्स बताते हैं कि मृत्यु के जोखिमों को अत्याधिक गतिहीन जीवनशैली बढ़ाती है।
एक्टिविटी ट्रैकर डाटा से विश्लेषण से पता चला है कि 12 घंटे से अधिक बैठकर समय बिताने वालों में 8 घंटे रोजाना बैठकर बिताने वाले लोगों के मुकाबले मृत्यु का जोखिम 38 फीसदी बढ़ जाता है। लेकिन 20 मिनट से अधिक शारीरिक गतिविधियाँ करने वालों में 20 मिनट से कम शारीरिक गतिविधियाँ करने वाले के मुकाबले मृत्यु का जोखिम कम था।
रिसर्चर्स का मानना है कि व्यायाम अर्थात शारीरिक गतिविधियों जैसे साइकिल चलाना, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग, बागवानी इत्यादि से मृत्यु के जोखिम को कम किया जा सकता है।