भूकंप (तस्वीर क्रेडिट@s_afreen7)

जापान के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में आया 6.9 तीव्रता का भूकंप,सुनामी की चेतावनी जारी

टोक्यो,14 जनवरी (युआईटीवी)- जापान के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में सोमवार शाम को 6.9 तीव्रता का भूकंप आया,जिसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि रात 9:19 बजे भूकंप आया और मियाजाकी प्रान्त के कुछ हिस्सों में जापानी भूकंपीय पैमाने पर इसकी तीव्रता 5 से कुछ अधिक मापी गई। जापान के भूकंपीय स्केल में अधिकतम मान 7 है,जबकि इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.9 मापी गई। इसके बाद मियाजाकी और कोची प्रान्तों के तटों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई।

जापान टाइम्स के अनुसार,भूकंप का केंद्र ह्युगानाडा सागर में 30 किलोमीटर की गहराई पर था। एजेंसी ने भूकंप के तुरंत बाद मियाजाकी और कोची प्रान्तों के तटों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की और बताया कि समुद्र में एक मीटर तक ऊँची लहरें उठ सकती हैं। अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचने के लिए आस-पास के लोगों से तट से दूर रहने और ऊँचे स्थानों पर जाने का आग्रह किया।

साथ ही, चीन में भी एक भूकंप आया था। शिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, सोमवार को बीजिंग समय के अनुसार रात 8:58 बजे शिजांग स्वायत्त क्षेत्र के शिगाजे में डिंगरी काउंटी में 5.0 तीव्रता का भूकंप आया। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार,भूकंप का केंद्र 28.45 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.52 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था और यह 10 किलोमीटर की गहराई पर आया।

यह भूकंप, तिब्बत क्षेत्र में डिंगरी काउंटी में पिछले सप्ताह 7 जनवरी को आए 6.8 तीव्रता के भूकंप के पीड़ितों की याद में आयोजित स्मारक सेवा के एक दिन बाद आया। तिब्बत में आए भूकंप में 126 लोग मारे गए थे। सोमवार को आयोजित स्मारक सेवा में सैकड़ों लोग शामिल हुए,जिनमें सरकारी अधिकारी,बचावकर्मी और स्थानीय निवासी थे। चामको टाउनशिप में एक विशाल बोर्ड पर सफेद मंदारिन और तिब्बती अक्षरों में “गहरा शोक” लिखा था,जो डिंगरी भूकंप में मारे गए लोगों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक तरीका था।

मौन खड़े रहने की अवधि के दौरान,लोगों ने अपनी टोपियाँ उतारीं और तीन मिनट तक मौन खड़े रहे। पुनर्वास स्थलों पर,कुछ प्रीफैब घरों में पारंपरिक तिब्बती मक्खन के दीये जलाए गए,जो शोक मनाने का एक पारंपरिक तरीका है। यह दिन भूकंप के पीड़ितों के लिए बौद्ध अनुष्ठानों का सबसे महत्वपूर्ण दिन था,जिसे शोक की श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है।

जापान और चीन दोनों में आए भूकंपों ने यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं का असर पूरे इलाके में महसूस किया जा सकता है। हालाँकि,दोनों देशों ने इन आपदाओं के प्रति अपनी तत्परता और राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित किया,जिससे स्थानीय निवासियों और प्रभावित क्षेत्रों को सुरक्षित रखने की कोशिश की गई।

भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान तटीय क्षेत्रों में अधिक सतर्कता की आवश्यकता होती है,खासकर जब समुद्र में ऊँची लहरों के उठने की संभावना हो। इन घटनाओं ने यह भी स्पष्ट किया कि तत्काल चेतावनियों और उपयुक्त कार्रवाई से नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है।