नई दिल्ली, 18 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इंडिया टुडे समूह के संस्थापक अरुण पुरी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने पुरी द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ मानहानि के मामले को खारिज करने से इनकार करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी।
बेंच ने कहा, नोटिस और अंतरिम स्टे।
पीठ ने पुरी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई से पूछा कि वह आपराधिक अदालत के समक्ष आरोप मुक्त करने के लिए आवेदन क्यों नहीं कर सकते। देसाई ने प्रस्तुत किया कि सुप्रीम कोर्ट ने केएम मैथ्यू मामले में कहा है कि एक मुख्य संपादक के खिलाफ कोई अनुमान नहीं है और कहा कि शिकायतकर्ता ने खुद कहा है कि उन्हें मुख्य संपादक की भूमिका के बारे में पता नहीं है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2007 में इंडिया टुडे पत्रिका में प्रकाशित एक लेख के संबंध में पुरी के खिलाफ एक आपराधिक मानहानि शिकायत और समन आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया था। समाचार लेख ‘मिशन मिसकंडक्ट’ ने एडिनबर्ग में तत्कालीन भारतीय उप महावाणिज्य दूत के खिलाफ आरोपों पर रिपोर्ट की थी।