चेन्नई, 16 दिसंबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| तमिलनाडु आइडल विंग के डीजीपी जयंत मुरली ने चोरी हुई 500 साल पुरानी मूर्ति की फ्रांस में नीलामी को रोक दिया। एलीट आइडल विंग ने पाया कि ऑक्शन हाउस ने मूर्ति को 2,00,000 यूरो से 3,00,000 यूरो (लगभग 1.76 करोड़ रुपये से 2.64 करोड़ रुपये) के प्राइस बैंड में नीलामी के लिए रखा था। उन्होंने ट्वीट किया, नीलामी बंद करो, इसे हमें लौटाओ, यह भारत के तमिलनाडु से चुरायी गयी है।
जयंत मुरली ने एंटीक्विटीज कोएलिशन को भी टैग किया, जो कल्चर रैकेटियरिंग और आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय अभियान चलाता है।
पुलिस द्वारा राज्य सरकार को सूचित करने के तुरंत बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय को संदेश भेजा गया, जिसने पेरिस में भारतीय दूतावास के माध्यम से फ्रांसीसी अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया।
राज्यों के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आइडल विंग ने नीलामी को रोकने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए संचार स्थापित किया।
500 साल पुरानी नटराज की मूर्ति थूथुकुडी जिले के कयाथर में श्री कोठंडा रामेश्वर मंदिर की है और 1972 में चोरी हो गई थी।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों के अनुसार, कांस्य मूर्ति विजयनगर काल (15वीं से 16वीं शताब्दी) की है।
मूर्ति विंग के अधिकारियों को सूचना मिलने के बाद कि मूर्ति की नीलामी की जा रही है, इंडो-फ्रेंच इंस्टीट्यूट, पुडुचेरी में मूर्तियों की तस्वीरों की जांच की और पाया कि चोरी हुई मूर्ति की तस्वीरें और संस्थान के रिकॉर्ड समान हैं।
तमिलनाडु आइडल विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि जब यह साबित हो गया कि चुराई गई नटराज की मूर्ति और नीलामी के लिए पेश की जा रही प्रतिमा एक ही है, तो इसकी सूचना तमिलनाडु सरकार को फौरन दी गई। सरकार ने बदले में केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया और मामले को आगे बढ़ाया।