नई दिल्ली,2 मार्च (युआईटीवी)- गुजरात के धोलेरा जिले में 1.26 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश वाली टाटा समूह और ताइवान के पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन (पीएसएमसी) के चिप निर्माण संयंत्रों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह मंजूरी वैश्विक सेमीकंडक्टर हब बनने के देश के लक्ष्य को बढ़ावा देने के मकसद से दिया है।
इस संयंत्र को एक शुद्ध-प्ले फाउंड्री के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव है,जो उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग,डिस्प्ले ड्राइवर और माइक्रोकंट्रोलर (एमसीयू) सहित कई उद्योगों के लिए सेमीकंडक्टर वेफर्स तैयार करता है। चिप निर्माण संयंत्रों को स्थापित करने के लिए पहले ही भूमि की पहचान कर ली गई है। लगभग तीन महीने में निर्माण कार्य के शुरू होने की संभावना है ।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक,टाटा जेवी 50,000 वेफर्स की क्षमता वाला भारत का पहला सेमीकंडक्टर फैब बनाएगी।
असम में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टाटा सेमीकंडक्टर टेस्ट की असेंबली और परीक्षण इकाई को भी मंजूरी दे दी है,जिस पर लगभग 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस महीने की शुरुआत में घोषणा किया था कि असम में जल्द ही पहला सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्लांट राज्य सरकार और टाटा समूह के संयुक्त साझेदारी से निर्मित होगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि भारत को 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव पैकेजिंग,डिजाइन और अनुसंधान एवं विकास से लेकर सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए मिले हैं।
गुजरात के साणंद में यूएस-आधारित माइक्रोन टेक्नोलॉजी ने पिछले साल सितंबर में 22,500 करोड़ रुपये की फैसिलिटी का निर्माण शुरू किया था,जिसने भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा के लिए एक मानक स्थापित किया।