नई दिल्ली,31 मार्च (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देशवासियों को संबोधित किया और इस बार की चर्चा में उन्होंने एक महत्वपूर्ण सामाजिक चुनौती पर प्रकाश डाला,जो सीधे हमारे जीवन से जुड़ी हुई है। यह चुनौती है टेक्सटाइल वेस्ट यानी कपड़ों का कचरा। पीएम मोदी ने बताया कि यह न केवल एक वैश्विक समस्या बन चुकी है,बल्कि हमारे देश के लिए भी एक बड़ी चिंता का विषय है।
उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि टेक्सटाइल वेस्ट या कपड़ों के कचरे की समस्या आज पूरी दुनिया में गंभीर हो चुकी है। यह अब एक बड़ा पर्यावरणीय संकट बन गया है। आजकल दुनिया भर में पुराने कपड़ों को फेंकने का चलन बढ़ गया है। यह एक ऐसी आदत बन चुकी है, जहाँ लोग पुराने कपड़े पहनना छोड़ देते हैं और नए कपड़े खरीदने की ओर अग्रसर होते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ये पुराने कपड़े कहाँ जाते हैं? यही कपड़े टेक्सटाइल वेस्ट बन जाते हैं। यह वेस्ट या कचरा,जो हम त्याग देते हैं,वह बड़ी मात्रा में पर्यावरण पर दबाव डालता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस मुद्दे पर बहुत सारी ग्लोबल रिसर्च हो रही है,जो यह दर्शाती है कि केवल एक प्रतिशत से भी कम टेक्सटाइल वेस्ट को रिसाइकिल किया जाता है और वह भी,पुराने कपड़े जो हम फेंक देते हैं,उन्हें नए कपड़ों में बदलने की प्रक्रिया बहुत ही कठिन और महँगी होती है। यह स्थिति इसलिए है,क्योंकि पुराने कपड़ों को नई जिंदगी देने के प्रयास काफी कम और मुश्किल हैं।
भारत इस समस्या से विशेष रूप से प्रभावित है,क्योंकि हम दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल हैं,जहाँ सबसे अधिक टेक्सटाइल वेस्ट निकलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह स्थिति हमारे लिए और भी चुनौतीपूर्ण है,क्योंकि यह हमारी पर्यावरणीय जिम्मेदारी को और बढ़ा देती है। यह चुनौती हमारे सामने है और हमें इसे हल करने के लिए कदम उठाने होंगे।
हालाँकि,प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि इस चुनौती से निपटने के लिए हमारे देश में कई सराहनीय प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने भारतीय स्टार्टअप्स का उल्लेख किया,जो टेक्सटाइल वेस्ट रिकवरी फैसिलिटी पर काम कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स का उद्देश्य कपड़े के कचरे से कुछ नया बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। कई संगठन ऐसे भी हैं,जो कचरा बीनने वालों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं, ताकि वे भी इस प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभा सकें और साथ ही साथ जीवनयापन के लिए सक्षम हो सकें।
इसके अलावा,कुछ युवा साथी टिकाऊ फैशन के प्रयासों में भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। ये लोग पुराने कपड़े,जूते-चप्पल और अन्य वस्तुओं को रिसाइकिल कर जरूरतमंदों तक पहुँचाते हैं। इस प्रक्रिया में पुराने कपड़ों से सजावट की चीजें,हैंड बैग,स्टेशनरी और खिलौने जैसी कई वस्तुएँ बनाई जा रही हैं। यह न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है,बल्कि समाज के लिए भी एक आदर्श है, जहाँ पुराने कपड़ों से न केवल उपयोगी वस्तुएँ बनाई जाती हैं,बल्कि उन्हें समाज के जरूरतमंद वर्ग तक भी पहुँचाया जाता है।
पीएम मोदी ने कई संस्थाओं का भी जिक्र किया,जो सर्कुलर फैशन के बारे में जागरूकता फैला रही हैं। सर्कुलर फैशन का मतलब है – कपड़ों का पुनः उपयोग करना और उन्हें रिसाइकिल करना,ताकि पर्यावरण पर कम-से-कम दबाव पड़े। साथ ही,कई नए रेंटल प्लेटफॉर्म भी सामने आए हैं, जहाँ डिज़ाइनर कपड़े किराए पर उपलब्ध होते हैं। इससे एक ओर फायदा यह होता है कि लोग कम से कम कपड़े खरीदते हैं और उन कपड़ों का अधिकतम उपयोग करते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि कुछ शहरों ने कपड़े के कचरे से निपटने में एक नई दिशा अपनाई है और वे अपनी नई पहचान बना रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, हरियाणा का पानीपत शहर,जो टेक्सटाइल वेस्ट रिसाइक्लिंग के ग्लोबल हब के रूप में उभर रहा है,एक बेहतरीन उदाहरण है। पानीपत में पुराने कपड़े रिसाइक्लिंग करने के लिए पूरी प्रक्रिया विकसित की गई है और यह शहर अब दुनिया भर से पुराने कपड़ों को रिसाइक्लिंग के लिए एकत्र करता है।
बेंगलुरू,जो नवीनतम तकनीकी समाधान के साथ इस समस्या का समाधान खोजने में आगे बढ़ रहा है,भी एक उदाहरण बन चुका है। बेंगलुरू में,आधे से अधिक टेक्सटाइल वेस्ट को जमा किया जाता है और इसका सही तरीके से पुनः उपयोग किया जाता है,जो अन्य शहरों के लिए एक आदर्श बन सकता है। तमिलनाडु का त्रिपुर शहर भी इस दिशा में काम कर रहा है। त्रिपुर में वेस्ट मैनेजमेंट ट्रीटमेंट और नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से टेक्सटाइल वेस्ट को मैनेज किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए हम सभी को अपने स्तर पर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कपड़ों के पुनः उपयोग,रिसाइक्लिंग और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने की जरूरत है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस समस्या को एक अवसर में बदलें और अपनी धरती को साफ और सुरक्षित बनाए रखें।
पीएम मोदी का यह संदेश हमारे लिए एक प्रेरणा है कि हम अपने जीवन में छोटे-छोटे कदम उठाकर इस वैश्विक समस्या से निपट सकते हैं और पर्यावरण की रक्षा कर सकते हैं।