किसानों के नाम तोमर का खुला पत्र, कुछ संगठनों पर भ्रम फैलाने का आरोप

नई दिल्ली, 17 दिसम्बर (युआईटीवी/आईएएनएस)| केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को देश के किसानों के नाम खुला पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कुछ किसान संगठनों पर कृषि सुधारों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह पत्र लिखा है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर तीन सप्ताह से डेरा डाले किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि किसानों के ऐसे भी संगठन हैं, जिन्होंने कृषि मंत्री से मिलकर विगत दिनों तीनों कानूनों का समर्थन किया है।

केंद्रीय मंत्री ने किसानों ने नाम इस पत्र में लिखा है, “ऐतिहासिक कृषि सुधारों को लेकर पिछले कुछ दिनों से मैं लगातार आपके संपर्क हूं। बीते दिनों मेरी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है। कई किसान संगठनों ने इन कृषि सुधारों का स्वागत किया है। वे इससे बहुत खुश हैं। किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी मिल रहे हैं, जिन्होंने नये कृषि सुधारों का लाभ उठाना भी शुरू कर दिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन इन सुधारों का दूसरा पक्ष यह भी है कि कुछ किसान संगठनों ने इन्हें लेकर भ्रम पैदा कर दिया है।”

तोमर ने कहा, “देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं। हर किसान की चिंता दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वस्तुस्थिति आपके सामने रखूं।”

कृषि मंत्री ने पत्र में अपने अनुभव बयां करते हुए लिखा है, “मैं किसान परिवार से आता हूं। खेती की बारीकियों और चुनौतियों को देखते हुए मैं बड़ा हुआ हूं। खेत में पानी देने के लिए देर रात तक जागना और पानी चलते हुए मेड़ टूट जाने पर उसे बंद करने के लिए भागना, असमय बारिश का डर, समय पर बारिश की खुशी, ये सब मेरे जीवन का हिस्सा रहे हैं। फसल कटने के बाद उसे बेचने के लिए हफ्तों तक का इंतजार भी मैंने देखा है।”

उन्होंने कहा कि, इन परिस्थितियों से गुजरने के बाद भी देश का किसान देश के लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा अन्न उपजाने का प्रयास करता है। उन्होंने कहा, “भारत के किसान के इस परिश्रम और इच्छाशक्ति को कोरोना संकट के काल में भी देखा है। किसानों ने बंपर उत्पादन करके देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद की है। इस दौरान रिकॉर्डतोड़ बुवाई करके भविष्य में और अच्छी पैदावार सुनिश्चित कर दी है।”

केंद्रीय मंत्री तोमर ने अपने पत्र में सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की रिकॉर्ड खरीद का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित हैं।

उन्होंने मोदी सरकार द्वारा एमएसपी में बढ़ोतरी का जिक्र करते हुए कहा, “जिस सरकार ने लागत का डेढ़ गुना एमएसपी और एमएसपी के जरिए किसानों के खाते में पिछले छह साल में दोगुनी राशि पहुंचाई, वह सरकार एमएसपी कभी बंद नहीं करेगी। एमएसपी जारी है और जारी रहेगी।”

केंद्रीय मंत्री तोमर ने मोदी सरकार में कृषि और संबद्ध क्षेत्र की उन्नति और किसानों की समृद्धि के लिए चलाई गई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “हमारे देश में 80 फीसदी छोटे किसान हैं, जिनकी जोत एक-दो एकड़ की है। ऐसे किसान आजादी के बाद से ही खेती सिर्फ पेट पालने के लिए करते रहे हैं। सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ इन छोटे किसानों को हो रहा है।”

नए कानून से राज्यों में एपीएमसी द्वारा संचालित मंडियों पर कोई फर्क नहीं पड़ने का भरोसा दिलाते हुए तोमर ने कहा, “मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी। एपीएमसी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है।”

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