डोनाल्ड ट्रंप (तस्वीर क्रेडिट@pkray11)

ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही पेरिस जलवायु समझौते से हटने के कार्यकारी आदेश पर किए हस्ताक्षर,चीन को ठहराया जिम्मेदार

वाशिंगटन,21 जनवरी (युआईटीवी)- डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली और इस शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के अपने फैसले का बचाव किया और इस दौरान इसके लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप का यह बयान उनके पहले कार्यकाल में 2017 में भारत को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान के विपरीत था। उन्होंने एक स्पोर्टिंग एरिना में अपने समर्थकों के सामने यह बात रखी और इसका मुख्य उद्देश्य पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका की निकासी के बारे में अपनी स्थिति को स्पष्ट करना था।

ट्रंप ने इस दौरान कहा, “मैं अन्यायपूर्ण,एकतरफा पेरिस जलवायु समझौते से तत्काल हट रहा हूँ, क्योंकि जब चीन बिना किसी रोक-टोक के प्रदूषण फैला रहा है,तो अमेरिका अपने उद्योगों को नुकसान नहीं पहुँचाएगा।” यह बयान उन्होंने चीन के प्रदूषण को लेकर दी थी,जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि चीन बिना किसी प्रतिबंध के बड़ी मात्रा में प्रदूषण फैला रहा है,जबकि अमेरिका पर इस समझौते के तहत कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं,जो उसके उद्योगों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ट्रंप का यह बयान इस दृष्टिकोण को व्यक्त करता है कि चीन जैसे देशों द्वारा प्रदूषण फैलाना वैश्विक स्तर पर अन्य देशों को भी प्रभावित करता है,विशेष रूप से अमेरिका को।

इसके साथ ही,ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन बहुत अधिक “गंदी ऊर्जा” का उपयोग करता है,लेकिन साथ ही वे काफी मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन भी करते हैं। ट्रंप के अनुसार,जब चीन की गंदी ऊर्जा वायुमंडल में फैलती है,तो यह हवा अन्य देशों तक भी पहुँचती है। उन्होंने यह उदाहरण देते हुए बताया कि जब हवा में प्रदूषण फैलता है,तो वह सिर्फ चीन में नहीं रुकता,बल्कि वह अमेरिका समेत कई अन्य देशों में भी पहुँचता है। इस प्रकार,ट्रंप का यह तर्क था कि जब तक सभी देश स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग नहीं करते,तब तक स्वच्छ हवा की बात करना व्यर्थ है। उनका यह बयान वैश्विक जलवायु समझौतों के लिए उनके दृष्टिकोण को उजागर करता है,जिसमें वे मानते हैं कि यदि अन्य देश अपने प्रदूषण को नियंत्रित नहीं करते,तो अमेरिका अकेले ही प्रदूषण को नियंत्रित करने का जिम्मा नहीं उठा सकता।

समारोह के दौरान,ट्रंप के समर्थक उत्साहित थे और यह आयोजन खास था क्योंकि इस बार यह समारोह यूएस कैपिटल के बाहर नहीं बल्कि अंदर आयोजित किया गया था। इसके परिणामस्वरूप,जो लोग समारोह में भाग लेना चाहते थे,उन्हें एक स्पोर्टिंग एरिना में भेजा गया था, जहाँ उन्होंने विशाल टीवी स्क्रीन पर समारोह को देखा। यह आयोजन राष्ट्रपति के फैसले को सार्वजनिक रूप से पेश करने का एक बड़ा मंच था और ट्रंप ने इसे एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में पेश किया।

समारोह के बाद,ट्रंप ने राष्ट्रपति के रूप में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए और बाइडेन प्रशासन के कई नियमों को रद्द करने के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किए। उद्घोषक ने घोषणा की कि राष्ट्रपति ने बाइडेन प्रशासन के समय के 78 आदेशों, कार्यवाहियों और ज्ञापनों को रद्द करने वाले आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। यह आदेश स्टेडियम में एक विशेष मंच पर,राष्ट्रपति की मोहर के साथ किए गए। ट्रंप ने यह आदेश हस्ताक्षर करने के बाद अपने समर्थकों से कहा कि उन्होंने काम शुरू कर दिया है और वे जल्द ही अपनी नीतियों को लागू करेंगे,जो उनकी राष्ट्रपति की प्राथमिकताओं के अनुरूप थीं।

ट्रंप का यह कदम न केवल पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका की निकासी को स्पष्ट करता है,बल्कि यह भी दर्शाता है कि वे बाइडेन प्रशासन के प्रभाव को नकारने के लिए तत्पर हैं। उनके इस निर्णय ने वैश्विक जलवायु समझौतों और अमेरिका की पर्यावरण नीति पर नए बहसों की शुरुआत की। उनके समर्थकों के लिए यह दिन एक महत्वपूर्ण और उत्साहपूर्ण था,जो उनके विचारों और फैसलों को समर्थन देने के लिए एकजुट हुए थे।