मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम (तस्वीर क्रेडिट@mdunis59)

‘ट्रंप की टैरिफ धमकियों से मैं नहीं डरती’: मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम

मेक्सिको सिटी,20 फरवरी (युआईटीवी)- मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने बुधवार को यह स्पष्ट किया कि उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दी जा रही धमकियों से कोई डर नहीं लगता। शिनबाम यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति के द्वारा मेक्सिको पर लगाई जा रही चेतावनियों पर दी थी,जिसमें टैरिफ बढ़ाने,ड्रग कार्टेल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने और निर्वासितों को वापस भेजने की धमकी दी गई थी।

शिनबाम से एक दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पूछा गया कि क्या वे ट्रंप की धमकियों से डरती हैं,तो उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया,”नहीं। मुझे लोगों का समर्थन प्राप्त है। जब किसी के पास निश्चितता और दृढ़ विश्वास होता है और वह जानता है कि उसके सिद्धांत क्या हैं,तो उसे डरने की आवश्यकता नहीं है।”

शिनबाम ने ट्रंप के द्वारा उठाए गए उपायों पर चिंता जताने वाले सवालों का उत्तर देते हुए कहा कि दोनों सरकारों के बीच बातचीत जारी है और वे समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मेक्सिको कभी भी अपनी संप्रभुता का उल्लंघन नहीं होने देगा,लेकिन यदि ऐसा होता है,तो पूरा देश अपने मातृभूमि की रक्षा के लिए एकजुट होगा।

यह बयान ट्रंप के उस बयान के एक दिन बाद आया था,जिसमें उन्होंने मेक्सिको पर आरोप लगाया था कि देश “ड्रग कार्टेल द्वारा चलाया जाता है,”जो एक आपराधिक संगठन है,जिसे अमेरिकी सरकार ने आतंकवादी घोषित किया है। ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि मेक्सिकन अधिकारियों ने “लाखों लोगों को अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति दी है” और उन्होंने आप्रवासन के प्रवाह को रोकने के लिए अपनी “मदद” देने की पेशकश की थी।

शिनबाम ने कहा कि वे किसी भी प्रकार के आपराधिक संगठन के साथ सहयोग नहीं करतीं और मेक्सिको सरकार ड्रग कार्टेल या संगठित अपराध का बचाव नहीं करती है। उन्होंने कहा, “हम अपनी संप्रभुता का बचाव करते हैं।”

ट्रंप के बयान के बावजूद,शिनबाम ने यह पुष्टि की कि मेक्सिको अमेरिकी दबाव के तहत कार्टेल को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करने से उत्पन्न होने वाले किसी भी “विदेशी उपाय” को स्वीकार नहीं करेगा। यह बयान ट्रंप के द्वारा मेक्सिको पर दबाव बनाने की एक और कोशिश के रूप में देखा जा सकता है।

इस सप्ताह वाशिंगटन में दोनों देशों के अधिकारी मिलकर मेक्सिकन उत्पादों पर टैरिफ के निलंबन और संयुक्त राज्य अमेरिका में फेंटेनाइल जैसे नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए रणनीतियों पर बातचीत करेंगे। शिनबाम ने यह भी स्पष्ट किया कि मेक्सिको नशीली दवाओं की तस्करी और इसके परिणामस्वरूप होने वाली समस्याओं को गंभीरता से लेता है,लेकिन वे यह भी चाहती हैं कि दोनों देशों के बीच समन्वय और संवाद के माध्यम से इस मुद्दे का हल निकाला जाए।

मेक्सिको के लिए यह स्थिति विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है,क्योंकि अमेरिका,जो मेक्सिको का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है,अपनी आंतरिक समस्याओं जैसे ड्रग्स की तस्करी और अवैध आप्रवासन के समाधान के लिए मेक्सिको पर दबाव बना रहा है। वहीं,मेक्सिको सरकार अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता का पूरा सम्मान चाहती है और किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करती है।

शिनबाम ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि उनकी सरकार हमेशा देश की संप्रभुता का सम्मान करती है और किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को नकारेगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसी भी ऐसे कदम को स्वीकार नहीं करेंगी,जो मेक्सिको की आंतरिक नीतियों और निर्णयों को प्रभावित करता हो।

मेक्सिको और अमेरिका के बीच बढ़ते मतभेदों के बावजूद,शिनबाम ने यह जताया कि दोनों देशों के बीच बातचीत और समझौते का रास्ता खुला रहेगा। उन्होंने कहा, “हमारे बीच गंभीर समस्याएँ हैं,लेकिन हम इनका समाधान बातचीत और समन्वय के माध्यम से निकाल सकते हैं।”

मेक्सिको की राष्ट्रपति का यह बयान एक महत्वपूर्ण संकेत है कि उनकी सरकार अमेरिकी दबावों के बावजूद अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। साथ ही,वे यह भी चाहती हैं कि दोनों देशों के रिश्ते सशक्त और सहयोगपूर्ण बने रहें,ताकि आपसी समस्याओं का हल शांतिपूर्ण और समग्र तरीके से निकल सके।

इस समय मेक्सिको और अमेरिका के रिश्तों में एक असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो गई है,खासकर जब से अमेरिका ने मेक्सिको पर अवैध आप्रवासन और ड्रग्स की तस्करी को लेकर दबाव बढ़ाया है। हालाँकि,शिनबाम का यह बयान दर्शाता है कि मेक्सिको अपनी राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से दृढ़ है और किसी भी बाहरी दबाव के सामने घुटने टेकने वाला नहीं है।