गुवाहाटी,8 जनवरी (युआईटीवी)- असम के दिमा हसाओ जिले के उमरांगसो इलाके में एक कोयला खदान में फँसे 9 खनिकों में से एक का शव पैरा गोताखोरों ने बरामद किया है। इस घटना की जानकारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को दी। सीएम सरमा ने कहा कि 21 पैरा गोताखोरों की टीम ने कुएँ के तल से एक शव निकाला है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त कीं और कहा कि वे इस कठिन समय में परिवारों के साथ हैं।
सीएम ने यह भी बताया कि बचाव अभियान में तेजी लाई जा रही है और इसके लिए सेना और एनडीआरएफ के जवानों को भी घटनास्थल पर भेजा गया है। इसके अलावा,उमरांगसो से एसडीआरएफ के डी-वाटरिंग पंप घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण कदम के तहत कुंभीग्राम में ओएनजीसी के डी-वाटरिंग पंप को एमआई-17 हेलीकॉप्टर पर लोड किया गया है,जिसे तैनाती के लिए मौसम संबंधी मंजूरी का इंतजार है।
21 Para divers have just recovered a lifeless body from the bottom of the well. Our thoughts and prayers are with the grieving family. https://t.co/y9bUP6tn4H
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 8, 2025
इसके पूर्व,मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि यह घटना जिस स्थान पर घटी,वहाँ अवैध रूप से कोयला खनन किया जा रहा था। इसके मद्देनजर संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अवैध खनन के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा कि पुलिस ने घटना की जाँच के लिए खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 21(1) के साथ-साथ धारा 3(5)/105 बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने कहा कि, प्रथम दृष्टया यह मामला एक अवैध खदान का प्रतीत होता है। पुनीश नुनिसा नामक एक व्यक्ति को अवैध कोयला खनन के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
घटना में फँसे मजदूरों की पहचान भी की गई है। उमरांगसो इलाके की कोयला खदान में कम-से-कम नौ मजदूर फँसे हुए हैं। इन मजदूरों में एक नेपाल का नागरिक, एक पश्चिम बंगाल का नागरिक और बाकी असम के विभिन्न हिस्सों के लोग शामिल हैं। फँसे हुए मजदूरों की पहचान गंगा बहादुर श्रेठ,हुसैन अली,जाकिर हुसैन, सर्पा बर्मन,मुस्तफा शेख,खुशी मोहन राय,संजीत सरकार,लिजान मगर और शरत गोयरी के रूप में हुई है। ये सभी मजदूर अवैध खनन में शामिल थे और उनके फँसे होने की घटना ने इलाके में एक बड़ी चिंता और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है।
इस घटना के बाद,प्रशासन ने क्षेत्र में अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई की बात की है और इस मामले में दोषियों को सजा दिलवाने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, बचाव कार्य में लगी टीमों द्वारा मजदूरों की तलाश जारी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस कठिन समय में सरकार हर संभव प्रयास कर रही है,ताकि सभी फँसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
असम में अवैध खनन की समस्या लंबे समय से बनी हुई है और इस प्रकार की घटनाएँ अक्सर सामने आती रहती हैं। इस हादसे ने राज्य सरकार की सुरक्षा और खनन गतिविधियों की निगरानी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। अवैध खनन से जुड़े मामलों में कई बार मजदूरों की जान जोखिम में पड़ जाती है,क्योंकि खदानों में सुरक्षा उपायों की कमी होती है और काम करने के लिए जो तरीके अपनाए जाते हैं,वे अवैध और खतरनाक होते हैं।
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएँगे। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इस मामले की पूरी जाँच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा,खदानों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँगे,ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना ने न केवल असम में बल्कि पूरे देश में अवैध खनन की गंभीर समस्या को उजागर किया है और अब इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।