गाजा पट्टी (तस्वीर क्रेडिट@ChandanSharmaG)

युद्धविराम समझौते के तहत पहले चरण में हमास द्वारा 33 बंधकों को रिहा किए जाने की संभावना

तेल अवीव,14 जनवरी (युआईटीवी)- गाजा में चल रहे युद्धविराम समझौते के पहले चरण के तहत हमास द्वारा 33 बंधकों को रिहा किए जाने की संभावना है। सीएनएन ने मंगलवार को दो इजराइली अधिकारियों के हवाले से यह बताया है। सीएनएन ने इस समझौते के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इजराइल को उम्मीद है कि इन 33 बंधकों में से अधिकांश जीवित होंगे,हालाँकि रिहाई के प्रारंभिक चरण में कुछ मृत बंधकों को भी शामिल किया जा सकता है।

हमास और इसके सहयोगियों के पास अभी भी 94 बंधक हैं,जिनमें से कम-से-कम 34 लोगों के बारे में यह माना जाता है कि वे 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमलों के बाद मारे जा चुके हैं। यह बंधक संकट इजराइल और हमास के बीच संघर्ष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और दोनों पक्षों के बीच समझौते को अंतिम रूप देने के करीब होने की खबरें सामने आ रही हैं। इजराइल का कहना है कि इस समझौते पर हस्ताक्षर होते ही वे इसे लागू करने के लिए तैयार हैं।

यह बंधक रिहाई का समझौते का पहला चरण होगा और यह गाजा में युद्ध समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। संघर्ष विराम और शांति समझौते के दूसरे चरण के लिए वार्ता समझौते के लागू होने के 16वें दिन से शुरू होगी। सीएनएन के मुताबिक,इस चरण में कुछ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की जाएगी,जैसे कि गाजा और मिस्र के बीच फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर इजरायली सेना की उपस्थिति बनाए रखना। इसके अलावा,गाजा के भीतर एक बफर जोन के आकार पर भी विवाद है,जिसमें हमास 300-500 मीटर की सीमा चाहता है,जबकि इजराइल की माँग 2,000 मीटर की सीमा की है।

इजराइली अधिकारी का हवाला देते हुए सीएनएन ने बताया कि इस समझौते में उत्तरी गाजा के निवासियों को उनके घरों की ओर लौटने की अनुमति देने का भी प्रावधान है। इस प्रकार,वार्ता के दौरान विभिन्न पहलुओं पर सहमति बनी है,जिससे समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति दिखाई दे रही है। जानकारी के अनुसार, दोहा में रविवार रात को इजराइल के मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया और मध्यस्थों के बीच हुई बैठक के दौरान वार्ता में सफलता मिली।

हालाँकि,एक इजराइली अधिकारी ने यह भी बताया कि समझौते के लागू होने से पहले इसे इजराइल की सुरक्षा और सरकारी कैबिनेट से गुजरना होगा। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट में संभावित चुनौतियों के लिए समय देने की आवश्यकता होगी। इस अधिकारी ने यह भी कहा कि समझौते की संभावनाओं को लेकर उत्साह जरूर है, लेकिन यह कहना अभी मुश्किल है कि यह कुछ घंटों या दिनों में अंतिम रूप से लागू होगा।

इस बीच, बंधक और लापता परिवारों के लिए काम करने वाले फोरम ने समझौते की प्रक्रिया के प्रति सतर्कता बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि उनका उद्देश्य सभी बंधकों को सुरक्षित रूप से उनके घर वापस लाना है। यह चेतावनी इस तथ्य से आती है कि बंधक संकट और गाजा में बढ़ते संघर्ष के बीच इजराइल और हमास दोनों पक्षों के लिए किसी भी समझौते को लागू करना एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा बन चुका है।

7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमलों के बाद,इजराइल ने गाजा में हमास के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की,जिसके परिणामस्वरूप लगभग 1,200 इजराइली नागरिकों की जान चली गई और 250 लोग बंधक बनाए गए। वहीं,फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, तब से इजराइली सेना ने गाजा में कम से कम 46,565 फिलिस्तीनियों की जान ली है,जबकि 100,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह संघर्ष गाजा के नागरिकों के लिए बहुत विनाशकारी साबित हुआ है और दोनों पक्षों के लिए समझौते का मार्गदर्शन करने के प्रयास जारी हैं।

सीएनएन के मुताबिक,इजराइल और हमास के बीच युद्ध का यह भीषण परिणाम पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बना हुआ है,क्योंकि दोनों पक्षों के बीच संघर्ष अब केवल सैन्य बलों तक सीमित नहीं रह गया है,बल्कि इसने मानवाधिकार और शांति के लिए एक गंभीर चुनौती पेश की है। बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम की संभावना इस संघर्ष के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है,लेकिन समझौते की प्रक्रिया की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि दोनों पक्षों के बीच कितनी स्थिर और दीर्घकालिक सहमति बनती है।

इस पूरे संदर्भ में,गाजा में चल रहे संघर्ष और उसके परिणामस्वरूप बंधक बनाए गए नागरिकों की रिहाई,युद्ध के विराम और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है,लेकिन इसके लिए कई राजनीतिक और सुरक्षा संबंधित चुनौतियों का समाधान करना होगा।