लखनऊ, 9 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)-शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार को मुहर्रम के उपदेशों और समारोहों की अनुमति देनी चाहिए, क्योंकि राज्य भर में राजनीतिक सभाएं और बाजार काम कर रहे हैं।
मुहर्रम का महीना मंगलवार से शुरू होने वाला है और राज्य सरकार द्वारा मजलिस (आमतौर पर धर्मोपदेश सहित धार्मिक सभा) आयोजित करने और ताजिया (इमाम हुसैन के मकबरे की प्रतिकृति) जुलूस निकालने पर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। मौलवी ने कहा कि ताजिया बनाना है कई छोटे ताजि़या निमार्ताओं की अर्थव्यवस्था और रोजगार से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा,यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन और पुलिस राज्य के कई हिस्सों में ताजिया बनाने वालों को परेशान कर रहे हैं। इन लोगों ने पहले ही कोविड के कारण अपना रोजगार खो दिया है और अब उन्हें और अधिक आघात पहुंचाया जा रहा है।
शिया मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने भी इस साल मुहर्रम के जुलूस निकालने की इजाजत देने की अपील की है।
उन्होंने कहा,जब छोटा इमामबाड़ा एक टीकाकरण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और बड़ा इमामबाड़ा भी पर्यटकों के लिए खोला गया है, तो इन दोनों मंदिरों को उपदेश देने की अनुमति क्यों नहीं है, जिसके लिए वे मूल रूप से बनाए गए थे। कोविड दिशानिदेशरें और प्रोटोकॉल के तहत अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने आगे बताया, राजनीतिक सभाओं और बाजारों में कोविड के मानदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। मुहर्रम न केवल शियाओं द्वारा मनाया जाता है, बल्कि सभी धर्मों के लोग भी मनाते हैं।