ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए वंदना कटारिया का लक्ष्य एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना

नई दिल्ली, 18 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड वंदना कटारिया ने शुक्रवार कहा है कि उनका तात्कालिक लक्ष्य इस साल के अंत में चीन के हांग्जो में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश को 2024 पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में मदद करना है। मेगा इवेंट में एक शीर्ष स्थान ओलंपिक के लिए पुरुष और महिला हॉकी टीमों के लिए स्वचालित योग्यता सुनिश्चित करेगा।

वंदना ने कहा, “मैंने इस साल अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, वह एशियाई खेलों में टीम को स्वर्ण जीतने में मदद करना है, ताकि हम 2024 ओलंपिक के लिए अपनी योग्यता सुरक्षित कर सकें। मैं इस साल विश्व कप के लिए भी उत्साहित हूं, जहां हमारा लक्ष्य प्रतियोगिता के फाइनल में जगह बनाना है। मैं प्रशिक्षण में अपने तकनीकी कौशल पर वास्तव में कड़ी मेहनत करने जा रही हूं, क्योंकि यही सबसे अच्छा तरीका है, जिससे मैं टीम के लिए मदद कर सकती हूं।”

टोक्यो में अपने कारनामों के बाद वंदना एक घरेलू नाम बन गई। 29 वर्षीय खिलाड़ी की शानदार यात्रा 2013 के जूनियर विश्व कप में उनके शानदार गोल स्कोरिंग के साथ शुरू हुई। वह अब 250 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच के साथ सीनियर टीम में मुख्य स्तम्ब हैं।

वंदना ओलंपिक में हैट्रिक बनाने वाली पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बनी थीं। उन्होंने ग्रुप स्टेज में भारत के एलिमिनेशन की कगार पर होने के साथ यह उपलब्धि हासिल की।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच के बारे में बोलते हुए वंदना ने याद किया, “उस मैच से एक दिन पहले हमारी टीम मीटिंग हुई थी और मुझे याद है कि ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ हमारी हार के बाद टीम बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रही थी। मैं टीम में एक फॉरवर्ड के रूप में कैसे योगदान दे सकती हूं, बस में इसी पर ध्यान केंद्रित करती हूं, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि हमारी यात्रा ग्रुप चरण में निराशा के साथ समाप्त हो।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं स्वाभाविक रूप से हैट्रिक गोल दागकर बनाकर बहुत खुश थी, लेकिन उस दिन यह पूरी टीम का प्रदर्शन था, जिसमें पिछली पंक्ति से लेकर आगे की पंक्ति तक सभी ने समान रूप से योगदान दिया और उस दिन हमें जीत दिलाने में मदद की।”

वंदना के प्रयासों ने ओलंपिक खेलों में टीम के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में योगदान दिया। 29 वर्षीय फारवर्ड पिछले एक साल में बेहतर करने वाली खिलाड़ी रही है, लेकिन वंदना इससे से आगे बढ़ गई हैं।

अप्रैल 2021 में अपने पिता के निधन के बाद अपने जीवन के उस पल के बारे में बोलते हुए वंदना ने अपने जीवन के कठिन दौर में अपने साथियों और मुख्य कोच जेनेक शोपमैन से मिले समर्थन के बारे में बात की।

उन्होंने आगे कहा, “पिछले साल अपने पिता को खोने के बाद, मुझे अपने साथियों, राष्ट्रीय टीम के कर्मचारियों और (मुख्य कोच) जेनेक शोपमैन से मिले समर्थन ने मुझे फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद की। यह मेरे जीवन और मेरे करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ रहा है। मुझे एहसास हुआ कि जैसे मेरा घर परिवार है, वैसे ही ये लोग राष्ट्रीय शिविर में मेरे परिवार की तरह हैं।”

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