विश्वास को मिले 100 प्रतिशत अंक: पढ़ाई का नहीं था कोई टाइम टेबल, फिर भी अव्वल

नई दिल्ली, 3 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रहने वाले कुमार विश्वास सिंह ने सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में सौ परसेंट अंक हासिल किए हैं। कुमार विश्वास को इन परीक्षाओं में 500 में से 500 नंबर मिले हैं। विद्याज्ञान स्कूल में पढ़ने वाले कुमार विश्वास सिंह को बेस्ट फाइव सब्जेक्ट्स में अधिकतम अंक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में ही पूर्ण अंक प्राप्त किए हैं। कुमार ने जिन विषयों के साथ 500 में से 500 अंक हासिल किए हैं, उनमें अंग्रेजी, हिंदी, गणित, सामाजिक विज्ञान और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल है।

दिलचस्प बात यह है कि बोर्ड परीक्षाओं में शत प्रतिशत नंबर लाने वाले कुमार विश्वास सिंह ने पूरे साल किसी टाइमटेबल को फॉलो नहीं किया। उन्होंने आईएएनएस से कहा कि मेरे पास कोई टाइम टेबल नहीं था। मैं टाइम टेबल में विश्वास भी नहीं करता। मुझे जब कभी भी जिस विषय का अध्ययन करना अच्छा लगता है, मैं उसे तब तक पढ़ता हूं जब तक मैं बोर नहीं हो जाता है। मेरा यही तरीका मुझे 100 फीसदी कुशल बनाता है।

कुमार ने कहा कि वास्तव में यह महामारी मेरे लिए एक अवसर थी। इस दौरान मैंने डिजिटल मीडिया का सबसे अच्छा उपयोग किया और शिक्षकों के बुलावे पर मेरी शंकाओं का समाधान हो सका। मेरे माता-पिता ने भी साल भर साथ दिया। यह था आसान नहीं है, लेकिन सभी प्रियजनों के समर्थन से यह संभव हो सका।

गौरतरब है कि 12वीं की ही तरह 10वीं कक्षा में भी बड़ी संख्या में छात्रों ने 95 फीसदी और उससे अधिक अंक हासिल किए हैं। 10वीं में कुल 57,824 छात्रों ने 95 फीसदी या उससे अधिक अंक हासिल किए हैं।

गाजियाबाद के रौनक गुप्ता ने सीबीएसई की दसवीं कक्षा के रिजल्ट में 99.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। आनंदराम जयपुरिया स्कूल के छात्र रौनक को कुल 500 में से 499 नंबर मिले हैं। रौनक ने अपने स्कूल में टॉप किया है। हालांकि सीबीएसई ने दसवीं कक्षा के परिणाम घोषित करते हुए इस बार देशभर में आधिकारिक तौर पर मेरिट लिस्ट या टॉपर घोषित नहीं किए हैं।

सीबीएसई ने एक आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा कि सीबीएसई दसवीं बोर्ड के नतीजों में त्रिवेंद्रम क्षेत्र 99.99 फीसदी रिजल्ट के साथ सबसे आगे है। सीबीएसई 10वीं बोर्ड के रिजल्ट में 98.89 प्रतिशत छात्र और 99.24 फीसदी छात्राएं पास हुई हैं। लड़कियों का पास प्रतिशत लड़को के मुकाबले 0.35 फीसदी अधिक है। वहीं इस वर्ष कंपार्टमेंट के छात्रों की संख्या में भी भारी कमी आई है।

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