व्हाट्सएप

भारत में डिजिटल भुगतान करने पर कैशबैक दे रहा है व्हाट्सएप

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (युआईटीवी/आईएएनएस)- मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने पुष्टि की है कि वह अपनी डिजिटल भुगतान सेवा पर अधिक यूजर्स को आकर्षित करने के लिए भारत में कैश-बैक अभियान चला रहा है। कंपनी व्हाट्सएप पर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए तीन अलग-अलग कॉन्टैक्ट्स को पैसे भेजकर तीन बार तक 11 रुपये का कैशबैक दे रही है।

कंपनी के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, “हम अपने यूजर्स को व्हाट्सएप पर भुगतान को बढ़ाने के तरीके के रूप में चरणबद्ध तरीके से कैशबैक प्रोत्साहन की पेशकश करने वाला एक अभियान चला रहे हैं।”

प्रवक्ता ने कहा, “हम अगले 500 मिलियन भारतीयों को डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में लाने के अपने व्यापक प्रयासों के तहत व्हाट्सएप पर भुगतान के बारे में जागरूकता बढ़ाना जारी रखेंगे।”

व्हाट्सएप के अनुसार, यदि आप प्रचार के लिए योग्य हो जाते हैं, तो आपको ऐप के भीतर एक बैनर, या जब आप किसी पात्र रिसीवर को पैसे भेज रहे होंगे तो एक गिफ्ट आइकन दिखाई देगा।

कंपनी ने जानकारी दी, “एक बार चुने जाने के बाद, आप अपने किसी भी रजिस्टर्ड व्हाट्सएप कॉन्टेक्ट को पैसे भेज सकते हैं और प्रति सफल लेनदेन पर 11 रुपये कैशबैक प्राप्त कर सकते हैं।

गूगल और पेटीएम ने अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर अधिक जुड़ाव बढ़ाने के लिए यूजर्स को कैश-बैक की पेशकश की है।

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने व्हाट्सएप के लिए यूपीआई के लिए अतिरिक्त 60 मिलियन यूजर्स को मंजूरी दी जो भुगतान के लिए इसकी सीमा को 100 मिलियन तक ले गया।

व्हाट्सएप इंडिया के निदेशक-भुगतान, मनेश महात्मे ने आईएएनएस को बताया, “हमारा मानना है कि यूपीआई देश के लिए और भी अधिक प्रभाव डाल सकता है, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में जहां डिजिटल और वित्तीय समावेशन लोगों के जीवन में काफी सुधार कर सकता है।”

पिछले साल नवंबर में, एनपीसीआई ने व्हाट्सएप की भुगतान सेवा के लिए यूजर कैप को मौजूदा 20 मिलियन से बढ़ाकर 4 करोड़ करने की मंजूरी दी थी।

एनपीसीआई चरणबद्ध तरीके से व्हाट्सएप को मंजूरी देता रहा है ताकि देश में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा में कमी न आए।

व्हाट्सएप ने 2018 में लगभग 10 लाख यूजर्स के साथ भारत में अपने महत्वाकांक्षी पीयर-टू-पीयर (पी2पी) डिजिटल भुगतान पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी।

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