नई दिल्ली,9 फरवरी (युआईटीवी)- लोकसभा में श्वेत पत्र पर चर्चा शुरू हो गई है। श्वेत पत्र भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया था,लोकसभा में नियम-342 के तहत इस पर चर्चा शुरू हो गई है। श्वेत पत्र पर चर्चा के लिए सदन में शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव पेश किया,जिसमें कहा गया है कि, “यह सदन भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत के लोगों के जीवन पर इसके प्रभाव पर श्वेत पत्र पर विचार करेगा।”
इससे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो श्वेत पत्र पेश किया गया है,आज सदन दिन भर उस पर चर्चा करेगा।
लोकसभा में इस श्वेत पत्र पर चर्चा के लिए फिलहाल 4 घंटे के समय का निर्धारण किया गया है। हालाँकि, इस 4 घंटे की समय अवधि को वक्ताओं की संख्या को देखते हुए बढ़ाया भी जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में श्वेत पत्र पर चर्चा का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को यूपीए सरकार बहुत ही खराब और गंभीर स्थिति में छोड़ कर गई थी। जिसे नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उबारा है और आज हमारा देश दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए घोटाले का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2008 के संकट काल में देश को बचाने के लिए कुछ नहीं किया। जबकि देश के साथ-साथ दुनिया ने देखा कि कोविड के वैश्विक संकट का सामना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने किस प्रकार से किया। भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की गति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तेज हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को सफलतापूर्वक संपन्न किया,जिसने भारत का मान सम्मान दुनिया भर में बढ़ाया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश का सत्यानाश यूपीए सरकार ने कर दिया था। यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए घोटालों और कुप्रबंधन की लिस्ट को वित्त मंत्री ने गिनाते हुए कहा कि कोयले को यूपीए ने राख बना दिया था,लेकिन इसी कोयले को अपने तप से मोदी सरकार ने हीरा बना दिया।
लोकसभा में इस श्वेत पत्र पर दिन भर चर्चा की जायेगी और उसके समापन पर सरकार की ओर से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जवाब भी दिया जाएगा।
गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में श्वेत पत्र पेश किया। अपने इस श्वेत पत्र में उन्होंने यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों और कुप्रबंधन का जिक्र करते हुए बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था की हालत यूपीए सरकार के कार्यकाल में यानी 2014 से पहले कमजोर थी। लेकिन वर्ष 2014 के बाद से,जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों पर मोदी सरकार ने काबू पाया और देश की आर्थिक विकास की रफ्तार को तेजी दी। एनडीए ने अपने 10 साल के कार्यकाल में भारत को दुनिया के शीर्ष पाँच अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल करने में कामयाबी हासिल किया।