भारतीय महिला हॉकी टीम (तस्वीर क्रेडिट@AbdulMa14419701)

महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 हॉकी : भारत ने फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर तीसरी बार एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी का खिताब जीता

राजगीर (बिहार),21 नवंबर (युआईटीवी)- महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 हॉकी का फाइनल मुकाबला बिहार के राजगीर हॉकी स्टेडियम में बुधवार को भारत और चीन के बीच खेला गया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने फाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन को 1-0 से हराकर तीसरी बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत का एकमात्र गोल दीपिका ने दूसरे हाफ की शुरुआत में किया,जिसने पूरे मैच का रुख भारत की ओर मोड़ दिया।

खेल की शुरुआत से ही दोनों टीमों ने एक-एक इंच क्षेत्र के लिए संघर्ष किया। दोनों तरफ की रक्षा इतनी मजबूत थी कि पहले क्वार्टर में कोई भी टीम गोल करने के करीब नहीं पहुँच सकी। खेल में कोई भी स्पष्ट मौका न बन पाने के कारण पहला क्वार्टर बिना किसी गोल के समाप्त हुआ।

दूसरे क्वार्टर में चीन ने आक्रामक शुरुआत की और जल्दी ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। लेकिन भारत की गोलकीपर बिचू देवी ने अपनी सजगता और शानदार छलांग से चीन के जिनझुआंग टैन के शॉट को रोक दिया। इसके बाद भारत ने तुरंत जवाबी हमला करते हुए पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। दीपिका के तेज़ ड्रैग फ्लिक को चीनी गोलकीपर सुरोंग वू ने रोका। दोनों टीमों को कुछ और पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन कोई भी उन्हें गोल में तब्दील नहीं कर सका। पहले हाफ का खेल अंततः 0-0 के स्कोर के साथ समाप्त हुआ।

तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में भारत ने आक्रामक रुख अपनाया। हाफ के कुछ ही सेकंड के भीतर भारतीय टीम ने एक पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। हालाँकि, मिस्ट-ट्रैप के बाद नवनीत ने बाएँ विंग पर दीपिका को पास दिया। दीपिका ने शानदार रिवर्स शॉट लगाते हुए गेंद को गोल के निचले दाएँ कोने में पहुँचा दिया। इस गोल ने भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी और खेल का माहौल भारतीय प्रशंसकों के लिए उत्साहजनक हो गया।

गोल की बढ़त के बाद भारतीय टीम ने अपना दबदबा बनाए रखा। चीन को अपने हाफ में रोके रखते हुए भारत ने दूसरा गोल करने की कोशिशें तेज कर दीं। तीसरे क्वार्टर के आखिरी तीन मिनटों में चीन ने वापसी की कोशिश करते हुए गेंद को बैकलाइन के जरिए घुमाया,लेकिन भारत की तेज़ रक्षात्मक रणनीति ने चीन के प्रयासों को बेकार कर दिया। दीपिका को एक और मौका उस समय मिला जब वह पेनल्टी स्ट्रोक लेने के लिए आगे बढ़ीं,लेकिन चीनी गोलकीपर टिंग ली ने उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया।

आखिरी क्वार्टर की शुरुआत में चीन ने पूरे जोश के साथ हमला किया और बराबरी करने की कोशिश की। हालाँकि, भारत ने जल्द ही खेल पर नियंत्रण वापस हासिल कर लिया और चीन के हमलों को विफल कर दिया। भारतीय रक्षा पंक्ति ने सभी संभावित रास्ते बंद कर दिए और सुनिश्चित किया कि चीन की टीम को गोल करने का कोई मौका न मिले।

भारत ने अपने अनुकरणीय बचाव और दमदार प्रदर्शन के दम पर 1-0 की बढ़त को अंत तक बरकरार रखा और तीसरी बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया।

इस शानदार जीत के बाद हॉकी इंडिया ने सभी खिलाड़ियों को 3 लाख रुपये और सहयोगी स्टाफ को 1.5 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की। इस जीत इस जीत के साथ एशियाई हॉकी महासंघ ने भी प्रतियोगिता के इतिहास में पहली बार पोडियम फिनिशरों के लिए इनाम की घोषणा की। भारत को 10,000 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार मिला,जबकि चीन और जापान को क्रमशः 7,000 और 5,000 अमेरिकी डॉलर दिए गए।

दीपिका भारतीय टीम की जीत की नायक रहीं। उनके शानदार रिवर्स शॉट ने न केवल टीम को बढ़त दिलाई,बल्कि यह खेल का एकमात्र गोल भी साबित हुआ। उनकी आक्रामकता और सही समय पर निर्णय लेने की क्षमता ने पूरे खेल में भारत के प्रदर्शन को उँचाई दी।

यह जीत भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए खास मायने रखती है। इस खिताबी जीत के साथ भारत ने एक बार फिर अपने एशियाई वर्चस्व को साबित किया। यह खिताब भारतीय टीम के अनुशासन,टीमवर्क और उत्कृष्टता का प्रतीक है।

राजगीर में मिली इस शानदार जीत के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम के प्रदर्शन को लेकर उम्मीदें और बढ़ गई हैं। यह जीत न केवल टीम के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, बल्कि आगामी अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भी भारत को मजबूत दावेदार बनाएगी।

इस जीत ने न केवल भारत को गौरवान्वित किया,बल्कि बिहार में पहली बार आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट को भी ऐतिहासिक बना दिया। भारतीय टीम की यह उपलब्धि महिला हॉकी को प्रोत्साहन देने और इसे नई उँचाई तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।