लखनऊ, 1 सितम्बर (यूआईटीवी/आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों में एक सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया है ताकि छात्रों, शिक्षकों, पाठ्यक्रम और किसी भी गैर-सरकारी संगठन से इसकी संबद्धता की जानकारी का पता लगाया जा सके।
गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वेक्षण के पीछे का उद्देश्य छात्रों को बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करना है।
उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री, मुस्लिम वक्फ और वक्फ विभाग, दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि आदेश माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के आलोक में मदरसों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश और चाइल्ड केयर लीव भी देता है।
सभी जिलाधिकारियों को सर्वे को लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण 5 अक्टूबर तक टीमों द्वारा पूरा किया जाएगा जिसमें सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल होंगे।
एक बार सर्वेक्षण किए जाने के बाद, रिपोर्ट अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) को सौंपी जाएगी, जिसके बाद एडीएम समेकित रिपोर्ट जिलाधिकारियों (डीएम) को प्रस्तुत करेंगे।