युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा (तस्वीर क्रेडिट@SinghDeepakUP)

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जल्द फैसला देने का आदेश दिया,आज होगा अंतिम फैसला

मुंबई,20 मार्च (युआईटीवी)- बॉम्बे हाईकोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल को राहत देते हुए मुंबई के बांद्रा फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया कि वह चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा द्वारा दायर तलाक याचिका पर गुरुवार तक फैसला सुना दे, क्योंकि चहल 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल में व्यस्त रहेंगे।

भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के तलाक की याचिका पर आज एक अहम फैसला आने वाला है। इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया,जिससे तलाक की प्रक्रिया में एक बड़ा मोड़ आया है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बांद्रा मिजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया था,जिसमें चहल और धनश्री के तलाक के लिए निर्धारित 6 महीने की अनिवार्य कूलिंग-ऑफ अवधि को छोड़ने से इनकार कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट को आदेश दिया है कि वह आज ही इस तलाक की याचिका पर अंतिम फैसला सुनाए। यह कदम इस कारण उठाया गया है,ताकि युजवेंद्र चहल की आईपीएल में भागीदारी प्रभावित न हो।

हाईकोर्ट के इस फैसले में चहल और धनश्री की स्थिति को ध्यान में रखा गया। दोनों ने दिसंबर 2020 में शादी की थी और जून 2022 से अलग रह रहे थे। दोनों ने फैमिली कोर्ट में संयुक्त तलाक की याचिका दायर की थी,जिसमें उन्होंने 6 महीने की कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की माँग की थी। इस याचिका के समर्थन में हाईकोर्ट ने यह बात स्वीकार की कि दंपत्ति दो साल से अधिक समय से अलग रह रहे थे और उन्होंने मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान एक दूसरे से अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे।

हाईकोर्ट के फैसले में यह भी कहा गया कि दोनों पक्षों ने सहमति शर्तों के तहत एक-दूसरे के अधिकारों और कर्तव्यों का पालन किया था। फैमिली कोर्ट द्वारा दायर की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि दंपत्ति ने मध्यस्थता समझौते के तहत निर्धारित शर्तों का आंशिक रूप से पालन किया है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया कि चहल ने धनश्री को स्थायी गुजारा भत्ता के रूप में 4.75 करोड़ रुपये देने पर सहमति जताई थी,जिसमें से अब तक 2.37 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका था।

हालाँकि, फैमिली कोर्ट ने यह तर्क दिया था कि चहल ने पूरी राशि का भुगतान नहीं किया था और इसी कारण से कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की माँग को अस्वीकार किया था। फैमिली कोर्ट का मानना था कि चूँकि पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया,इसलिए कूलिंग-ऑफ अवधि में छूट देना उचित नहीं होगा,लेकिन हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि दंपत्ति ने पहले ही सभी लंबित मुद्दों को सुलझा लिया है और उनके बीच किसी प्रकार का मतभेद नहीं है। इसलिए, कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करना उचित होगा।

यह कदम इसलिए उठाया गया,ताकि चहल की आईपीएल में भागीदारी पर कोई असर न पड़े,अगर कूलिंग-ऑफ अवधि की शर्त पर जोर दिया जाता,तो चहल के लिए आईपीएल में शामिल होना मुश्किल हो सकता था,क्योंकि तलाक की प्रक्रिया लंबी हो सकती थी और इससे उनके क्रिकेट करियर के लिए प्रतिकूल असर पड़ सकता था।

इस फैसले के बाद धनश्री वर्मा को 4.75 करोड़ रुपये के स्थायी गुजारा भत्ते का भुगतान किया जाएगा। यह राशि दोनों के बीच हुए समझौते का हिस्सा है,जिसे चहल ने सहमति दी थी। यह राशि अब तक आधी से अधिक चुकाई जा चुकी है और बचे हुए हिस्से का भुगतान जल्द ही किया जाएगा।

इस मामले में एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि दोनों ने अपनी शादी को समाप्त करने का फैसला एक संयुक्त और आपसी समझौते के तहत लिया है। यह दिखाता है कि दोनों ने अपने रिश्ते में आए विवादों को शांतिपूर्वक सुलझाने का प्रयास किया है और उन्होंने कानूनी प्रक्रिया के अनुसार इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है।

यह मामला यह दर्शाता है कि तलाक की प्रक्रिया केवल कानूनी नहीं होती,बल्कि इसमें दंपत्ति के बीच आपसी समझ और सहमति का भी बड़ा योगदान होता है। दोनों ने इस मामले में जो कदम उठाए हैं,वे यह दिखाते हैं कि जब दोनों पक्ष चाहें,तो तलाक की प्रक्रिया को सहज और बिना विवाद के पूरा किया जा सकता है।

अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद,चहल और धनश्री की तलाक याचिका पर अंतिम निर्णय आना बाकी है। यह फैसला न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन के लिए,बल्कि उनके पेशेवर जीवन, खासकर चहल की आईपीएल भागीदारी के लिए भी महत्वपूर्ण है।