मुंबई,21 मार्च (युआईटीवी)- क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और डांसर धनश्री वर्मा शादी के चार साल बाद अलग हो गए हैं। उनके बीच तलाक हो गया है। बांद्रा फैमिली कोर्ट ने उनकी तलाक अर्जी पर मंजूरी दे दी है। यह जानकारी दोनों पक्षों के वकीलों ने कोर्ट की सुनवाई के बाद दी। युजवेंद्र चहल के वकील नितिन गुप्ता ने बताया कि अब दोनों की शादी खत्म हो चुकी है और कोर्ट ने तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली है। इसके साथ ही,यह मामला कानूनी तौर पर समाप्त हो गया है।
कुछ दिन पहले,बॉम्बे हाईकोर्ट ने युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की तलाक की प्रक्रिया में कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की याचिका पर फैसला सुनाया था। यह याचिका इसलिए दायर की गई थी,ताकि उनकी तलाक प्रक्रिया को तेज किया जा सके। न्यायमूर्ति माधव जामदार की पीठ ने पारिवारिक अदालत को निर्देश दिया था कि वह आगामी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चहल की भागीदारी को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को तलाक की याचिका पर फैसला करें। चहल को आईपीएल 2025 की नीलामी में पंजाब किंग्स (पीबीकेएस) ने 18 करोड़ रुपये में खरीदा था और इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह कदम उठाया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस तथ्य को भी ध्यान में रखा कि युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा लगभग ढाई साल से अलग रह रहे थे। दोनों ने मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान गुजारा भत्ता के भुगतान के संबंध में सहमति के बाद उसे लागू भी किया था। कोर्ट ने इस पहलू को भी ध्यान में रखा कि दोनों के बीच पुनर्मिलन की कोई संभावना नहीं दिखती थी,जिसके कारण कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की याचिका को मंजूरी दी गई।
धनश्री वर्मा और युजवेंद्र चहल की शादी 2020 में हुई थी। उन्होंने 2020 में सगाई की और उसी साल दिसंबर में गुरुग्राम में एक निजी समारोह में शादी की। धनश्री वर्मा, जो एक डांसर हैं,अपने फ्यूजन डांस परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती हैं। दोनों के बीच यह संबंध बेहद सार्वजनिक था और सोशल मीडिया पर भी उनके रिश्ते को काफी चर्चा मिली थी।
हालाँकि,दोनों के रिश्ते में कुछ समय से खटास आ गई थी। उन्होंने लगभग ढाई साल पहले एक-दूसरे से अलग रहना शुरू कर दिया था। इसके बाद,उन्होंने आपसी सहमति से तलाक लेने का निर्णय लिया और दोनों ने इसे अदालत में प्रस्तुत किया। भारतीय कानून के अनुसार,यदि पति-पत्नी एक साल या उससे अधिक समय से अलग रह रहे हैं,तो वे आपसी सहमति से तलाक के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालाँकि, हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13बी(2) के तहत तलाक याचिका की प्रस्तुति के बाद एक छह महीने की वैधानिक कूलिंग-ऑफ अवधि प्रदान की जाती है,ताकि दोनों पक्षों को समझौते और पुनर्मिलन की संभावनाओं पर विचार करने का समय मिल सके।
साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फ़ैसले में यह निर्णय लिया था कि कूलिंग-ऑफ अवधि अनिवार्य नहीं है। यदि कोर्ट को लगता है कि दोनों पक्षों के बीच फिर से एक साथ रहने की कोई संभावना नहीं है,तो वह इस शर्त को माफ कर सकता है। इसी फैसले के तहत,युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के मामले में भी कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ कर दिया गया और अदालत ने तलाक की अर्जी को स्वीकार कर लिया।
हाल ही में,चहल को चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के दौरान सोशल मीडिया स्टार आरजे महवश के साथ देखा गया था,जो चर्चा का विषय बन गया। हालाँकि,यह पहली बार नहीं था,जब दोनों को एक साथ देखा गया हो। पिछले साल दिसंबर में क्रिसमस सेलिब्रेशन के दौरान भी चहल और आरजे महवश की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी,जिससे उनके रिश्ते को लेकर कई कयास लगाए गए थे।
धनश्री और चहल का तलाक उनके रिश्ते का एक दुखद अंत है,लेकिन दोनों ने इसे आपसी सहमति से समाप्त किया। यह मामला भारतीय कानून के तहत तलाक की प्रक्रिया का एक उदाहरण है,जिसमें अदालतें कूलिंग-ऑफ अवधि और वैधानिक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए फैसले देती हैं। युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा के तलाक का मामला अब कानूनी रूप से समाप्त हो चुका है और दोनों अपने-अपने जीवन में आगे बढ़ेंगे।
यह मामला भारतीय क्रिकेट जगत और सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना रहा है,क्योंकि दोनों की जोड़ी को पहले बहुत पसंद किया जाता था। अब जब उनका तलाक हो चुका है,तो इसने कई लोगों को चौंका दिया है और उनके रिश्ते के अंत को लेकर विभिन्न विचार व्यक्त किए जा रहे हैं।